राष्ट्रपति बनने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिसने दुनियाभर को परेशानी में डाल दिया है. इसके साथ ही अमेरिकी निवेशकों से लेकर विदेशी निवेशक भी ट्रंप के फैसले से चिंता में हैं. अब नए बिल में एक ऐसा सेक्शन जोड़ा है, जिससे अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ सकती है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि फंड हाउसों और विदेशी निवेशक चेतावनी दे रहे हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैक्स बिल में शामिल सेक्शन 899 को लेकर विदेशी निवेशक और फंड मैनेजरों में चिंता बढ़ी हुई है. फंड हाउसों ने चेतावनी दी है कि अगर यह प्रावधान बिना बदलाव के कानून बन गया, तो विदेशी निवेशक तेजी से अमेरिकी बाजार से पैसे निकालने लगेंगे. जिससे मार्केट क्रैश हो सकता है.
क्या है ये सेक्शन?
दरअसल, यह प्रावधान उन देशों की कंपनियों को एक्स्ट्रा टैक्स चार्ज करता है, जहां अमेरिकी कंपनियों को डिजिटल टैक्स या न्यूनतम ग्लोबल टैक्स जैसे चार्जेस का सामना करना पड़ता है. इसमें 5% से शुरू होकर 20 फीसदी तक का टैक्स लगाया जाएगा. यह पहले से लगने वाले टैक्स के ऊपर होगा. इसका मतलब है कि इन देशों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा. इसका असर EU, UK, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड जैसे देशों से आने वाले निवेशकों पर होगा.
चिंता में निवेशक
अमेरिका के Investment Company Institute (ICI) ने कांग्रेस को पत्र लिखकर चेताया है कि सेक्शन 899 से US म्यूचुअल फंड और ETF जैसे निवेश माध्यमों पर भी असर होगा. इससे निवेशक टैक्स के डर से यूएस स्टॉक से पैसा निकाल सकते हैं. जिसका सीधा नुकसान यूएस की कंपनियों और निवेशकों को होगा.
अमेरिका में विदेशी निवेशकों ने 19 ट्रिलियन डॉलर का शेयर बाजार निवेश में निवेश किया है. इसके अलावा, 7 ट्रिलियन डॉलर का सरकारी बॉन्ड और 5 ट्रिलियन डॉलर का कॉर्पोरेट क्रेडिट में रखते हैं. Yuri Khodjamirian (Chief Investment Officer, Tema ETFs) का कहना है कि अगर डिविडेंड पर ज्यादा टैक्स देना पड़े तो क्यों ही कोई अमेरिकी कंपनियों में निवेश करेगा.
ICI का कहना है कि वह US के बिजनेस हितों की रक्षा के प्रयासों के समर्थन में है, लेकिन मौजूदा सेक्शन 899 का ड्राफ्ट उल्टा असर डाल सकता है. मांग है कि विदेशी निवेशकों और फंड हाउसों को इस प्रावधान से बाहर रखा जाए.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)