अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार देर रात ब्याज दरों में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान कर दिया है. साल 2020 यानी कि कोरोना महामारी के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिकी फेड ने ब्याज दरों में कटौती का फैसला लिया है. अमेरिकी फेड का ये फैसला बाजार जानकारों की उम्मीदों के विपरीत बताया जा रहा है. दरअसल, जानकारों ने उम्मीद जताई थी कि फेड ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है.
50 बेसिस प्वाइंट की हुई कटौती
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने एक साल से अधिक समय तक अपनी पॉलिसी रेट को 5.25-5.50 फीसदी की रेंज में रखा था. बता दें कि मौजूदा समय में दुनिया के कई देशों में ब्याज दरों में कटौती की खबरें चल रही हैं. ब्रिटेन, मैक्सिको, स्वीडन और कनाडा समेत कई देशों ने तो ब्याज कटौती का पहले ही ऐलान कर दिया है.
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जानकारों के उलट आया फेड का फैसला
दरअसल, ज्यादातर बाजार जानकारों का मानना था कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी करेगा. लेकिन फैसला 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का आया. अमेरिकी फेडरल के इस फैसले के बाद अब सभी की नजर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर है. लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि आरबीआई ने 8 बार से अपने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.
लेकिन कहा ये जाता है कि अगर अमेरिका का फेड रिजर्व कोई फैसला लेता है तो इसका असर दुनिया भर के स्टॉक मार्केट पर पड़ता है.