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यूनिटेक केस: मुंबई में श‍िवालिक ग्रुप के एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर ED का सर्च

यूनिटेक डेवलपर्स से जुड़े मामले में मुंबई में श‍िवालिक ग्रुप के करीब एक दर्जन ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने सर्च अभ‍ियान चलाया है. दिल्ली से आई प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने इन ठिकानों की तलाशी ली. 

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प्रवर्तन निदेशालय का सर्च ऑपरेशन
प्रवर्तन निदेशालय का सर्च ऑपरेशन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुंबई में श‍िवालिक ग्रुप के ठिकानों की तलाशी
  • प्रवर्तन निदेशालय ने चलाया सर्च अभ‍ियान
  • यूनिटेक डेवलपर्स मामले से जुड़ी थी यह तलाशी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूनिटेक डेवलपर्स से जुड़े मामले में मुंबई में श‍िवालिक ग्रुप के करीब एक दर्जन ठिकानों पर सर्च अभ‍ियान चलाया है. दिल्ली से आई प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने इन ठिकानों की तलाशी ली. 

क्या है मामला 

गौरतलब है कि यूनिटेक के प्रमोटर्स पर यह आरोप है कि उन्होंने खरीदारों के करोड़ों रुपयों की हेराफेरी की है. यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा इस मामले में करीब तीन साल तक जेल में रहे और अब जमानत पर हैं. कंपनी मामलों के मंत्रालय ने यूनिटेक का नया बोर्ड बनाकर यूनिटेक का कामकाज उसे सौंप दिया है और इसका चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी को बनाया गया है. 

खरीदारों से 14,270 करोड़ जुटाए

यूनिटेक लिमिटेड के बारे में फोरेंसिक ऑडिटर द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2006 से  2014 के दौरान 29,800 घर खरीदारों से करीब 14,270 करोड़ रुपये और छह वित्तीय संस्थानों से करीब 1,805 करोड़ रुपये हैं. इस रकम में से 5,800 करोड़ रुपये से अधिक का इस्तेमाल नहीं किया गया. 

यही नहीं, साल 2007 से 2010 के दौरान कंपनी द्वारा कर चोरी के लिहाज से पनाहगाह माने जाने वाले देशों में बड़ा निवेश किये जाने का पता चला है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक लिमिटेड के प्रमोटर्स के खिलाफ मनी लॉड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया.

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पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में यूनिटेक को राहत देते हुए तेलंगाना स्टेट इंडस्ट्र‍ियल इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन (TSIIC) को आदेश दिया है कि वह यूनिटेक को 165 रुपये का भुगतान करे. TSIIC ने करार के मुताबिक रंगारेड्डी जिले में इंटीग्रेटेड टाउनश‍िप विकसित करने के लिए यूनिटेक को 350 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. 

केंद्र सरकार कर्ज में फंसी कंपनी यूनिटेक लिमिटेड को टेकओवर करने को तैयार हो गई है. सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है. सरकार ने कोर्ट से कहा है कि वह यूनिटेक लिमिटेड का प्रबंधन अपने हाथ में लेने और कंपनी की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के अपने 2017 के प्रस्ताव पर पुनर्विचार को तैयार है. सरकार के इस कदम से यूनिटेक के हजारों परेशान घर खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद है.

 

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