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Operation Sindoor: एयर स्ट्राइक से PAK के आतंकी ठिकाने तहस-नहस, भारत के आगे कहां टिकेगा? ये है दोनों की ताकत

Operation Sindoor के जरिए पाकिस्तान और POK के 9 आतंकी ठिकानों पर Air Strike करते हुए भारत ने अपना दम दिखा दिया है. इसके बाद भले ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है, लेकिन सैन्य खर्च के आंकड़े देखें तो भारतीय सेना के आगे वो कहीं नहीं टिकता है.

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सैन्य खर्च के मामले में भारत से बहुत पीछे है पाकिस्तान
सैन्य खर्च के मामले में भारत से बहुत पीछे है पाकिस्तान

पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर रात डेढ़ बजे पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक (Indian Air Strike) की. इस हमले को 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) का नाम दिया गया है. तीनों सेनाओं के इस जॉइंट ऑपरेशन में पाकिस्तान के 4 और पीओके के 5 ठिकानों को टारगेट किया है.

भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने सभी टारगेट की पहचान की थी, जिसके बाद पूरी प्लानिंग के साथ लश्कर और जैश के ठिकानों पर हमला किया गया. पाकिस्तान भले ही गीदड़भभकी देता रहा हो, लेकिन भारत ने ये एयरस्ट्राइक कर अपना दम दिखा दिया है. पाकिस्तान सेना में संख्याबल ही नहीं बल्कि सैन्य खर्च पर होने वाले खर्च के मामले में भी भारत के आगे कहीं नहीं टिकता. आइए आंकड़ों से समझते हैं... 

सेना पर PAK से 9 गुना ज्यादा खर्च  
भारत और पाकिस्तान (India Vs Pakistan) के बीच बीते 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसारन घाटी में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद से तनाव चरम पर था और मंगलवार को भारत ने इसका बदला लेते हुए एयरस्ट्राइक कर पाकिस्तान की गीदड़भभकियों के बीच 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. पाकिस्तान भले ही पलटवार की धमकियां देता रहता हो, लेकिन सैन्य खर्च के आंकड़े Pakistan की पोल खोलते नजर आते हैं और बताते हैं कि आतंक का पनाहगार बना देश भारत के मुकाबले कहीं नहीं टिकता है. इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान के मुकाबले करीब 9 गुना ज्यादा है. 

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PAK से नौ गुना ज्यादा भारत का सैन्य खर्च
अब तक का इतिहास देखें, तो पाकिस्तान भारतीय सेना के आगे कहीं नहीं टिकता. दोनों देशों के बीच जितने भी युद्ध हुए हैं Pakistan को हार का ही सामना करना पड़ा है. पहलगाम हमले के बाद बीते दिनों स्वीडन के प्रमुख थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसके मुताबिक बीते साल 2024 में भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान के खर्च से करीब नौ गुना ज्यादा रहा है. 

भारत की ताकत का अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वह अपनी सेना और हथियारों पर भारी-भरकम खर्च करता है और फिलहाल दुनिया में 5वां सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश है. अगर टॉप-5 देशों को देखें, तो इस मामले में पहले पायदान पर अमेरिका (America), दूसरे नंबर पर चीन (China), तीसरे पर रूस (Russia), चौथे पर जर्मनी (Germany) है और इसके बाद भारत पांचवें नंबर पर शामिल है. कुल वैश्विक सैन्य खर्च में इन पांचों देशों की 60 फीसदी हिस्सेदारी है और इनका कुल बजट 1635 अरब डॉलर का है. 

तनाव के बीच आई SIPRI की रिपोर्ट
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ये रिपोर्ट भारत की हिम्मत और ताकत दर्शाने वाली थी, जबकि पाकिस्तान को झटका देने वाली. अब भारत की ओर से अपना दम दिखा दिया गया है और पाकिस्तान की धमकियों के बीच भारत ने 9 ठिकानों पर Air Strike कर दिखा दिया है कि सेना पर खर्च बेवजह नहीं है. सीपरी की रिपोर्ट को देखें, तो  इसमें बताया गया था कि भारत ने पिछले साल 2024 में अपनी सेना पर 86.1 अरब डॉलर (करीब 7,32,453 करोड़ रुपये) खर्च किए और ये आंकड़ा साल 2023 की तुलना में 1.6 फीसदी ज्यादा है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान का मिलिट्री बजट इसके मुकाबले बेहद कम 10.2 अरब डॉलर (लगभग 2,85,397 करोड़ पाकिस्तानी रुपये) का रहा था. 

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PAK डिफेंस बजट में इजाफा, फिर भी भारत से बहुत कम  
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने आगामी बजट में रक्षा खर्च को 18 प्रतिशत बढ़ाकर 2.5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक करने को मंजूरी दे दी है. यह फैसला भारत के साथ बढ़ते तनाव के चलते लिया गया है. पाक सरकार 1 जुलाई से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले अगले महीने के पहले सप्ताह में 2025-26 का बजट पेश करने वाली है. इसमें सैन्य खर्च में भी 18% वृद्धि का प्रस्ताव भी शामिल है और PPP ने इस प्रस्ताव को मौजूदा सुरक्षा हालात को देखते हुए समर्थन दिया.

वहीं भारत के रक्षा बजट (India Defence Budget) पर नजर डालें, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार ने FY25-26 के लिए रक्षा मंत्रालय के लिए 6,81,210 करोड़ रुपये (77.4 अरब डॉलर) का बजट आवंटन किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.5% ज्यादा है. इसमें सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया गया है.

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