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'युद्ध में भारत के सामने हफ्तेभर भी नहीं टिकेगा पाकिस्तान', कांग्रेस नेता का बड़ा दावा- केवल 3-4 दिन का ही बचा है सामान!

Pakistan Crisis: भारत की पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक के बाद सीमा पर तनाव और भी बढ़ गया है. लेकिन पाकिस्तान की इकोनॉमी से लेकर फॉरेक्स रिजर्व तक के आंकड़े इसे समझने के लिए काफी हैं कि कंगाल देश भारत से युद्ध लड़ने के लिए कितना तैयार है.

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शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद किया बड़ा दावा
शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद किया बड़ा दावा

भारत से अगर पाकिस्तान का युद्ध (India-Pakistan War) हुआ, तो ये महज चार दिन में ही PAK की हार के साथ खत्म हो जाएगा. ये आकलन किसी विदेशी थिंक टैंक का नहीं है, बल्कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने ये दावा किया है. उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर युद्ध हुआ तो उसकी सेना 4 दिन भी नहीं टिक पाएगी और युद्ध समाप्त हो जाएगा. भले ही उनका ये दावा पहली नजर में पुख्ता न लगे, लेकिन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economy), ईंधन की कमी (Pakistan Fuel Crisie) से जूझ रही सेना और सप्लाई चेन में बढ़ती दिक्कों से पाकिस्तान की तस्वीर कहीं ज्यादा भयावह और चिंताजनक नजर आती है. 

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PAK आर्मी की तंगहाली
पाकिस्तान की सेना कथित तौर पर ईंधन, तेल से लेकर खाने के राशन तक की भारी कमी से जूझ रही है. कई सोर्सेज के जरिए इसकी पुष्टि हुई है, जिसमें जमीनी रिपोर्ट के अलावा LOC से इंटेलिजेंस इंटरसेप्ट शामिल हैं, जहां पाकिस्तानी सैनिकों ने कथित तौर पर राशन और ईंधन आवंटन में कमी की शिकायत भी की है. 

हाल ये है कि पहलगाम हमले के बाद (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत को गीदड़भभकियां देते हुए पाकिस्तान ने सैन्य अभ्यास तो जोर-शोर से शुरू किए थे, लेकिन सप्लाई चेन कमजोर होने की वजह से ये भारत की एयर स्ट्राइक (Indian Air Strike) से पहले ही कम कर दिए गए थे. इस बीच बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में इंडिपेंडेंट एनालिस्ट्स और पूर्व आर्मी ऑफिशियल्स ने अनुमान जाहिर किया है कि वर्तमान परिस्थितियों में अगर India-Pakistan War होता है, तो फिर पाकिस्तान का ईंधन और गोला-बारूद भंडार केवल 3 से 4 दिन ही चल पाएगा. 

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फॉरेक्स रिजर्व का बुरा हाल
एक ओर जहां पाकिस्तानी सेना ईंधन से लेकर राशन तक के लिए जद्दोजहद कर रही है. तो वहीं पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) देश की बिगड़ती हालत और खाली होते खजाने की साफ तस्वीर दिखाते हैं. पाकिस्तान का फॉरेक्स रिजर्व करीब 15 अरब डॉलर के आस-पास है, जो मुश्किल से तीन महीने के नागरिक आयात को कवर करने के लिए सक्षम है. खास बात ये कि इस आयात में रक्षा रसद उस कतार में सबसे आगे बिल्कुल भी नहीं हैं. ऐसी हालत में पाकिस्तान अगर युद्ध में जाता है, तो दबाव और भी अधिक बढ़ने की संभावना कई विदेशी एजेंसियों ने जताई हैं. 

कर्ज का बोझ बढ़ा रहा मुसीबत 
कंगाल पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से जूझ रहा है और इसका अंदाजा देश पर भारी भरकम कर्ज के आंकड़े को देखकर लगाया जा सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, Pakistan पर 131 अरब डॉलर से ज्यादा का भारी विदेशी कर्ज है जो इसकी जीडीपी (Pakistan GDP) का 42 फीसदी के आस-पास है. बदहाल देश की इकोनॉमी को IMF मदद से सपोर्ट मिल रहा है, लेकिन उसने जो शर्तें लगाई हैं, उनमें रक्षा खर्च के लिए गुंजाइश बेहद कम है. पहले से ही महंगाई, कर्ज चुकाने और बुनियादी आयात आवश्यकताओं से जूझ रहा पाकिस्तान आईएमएफ और बाहरी उधारदाताओं पर निर्भर है, जो इसे जरूरत का फंड जारी करते रहते हैं, लेकिन युद्ध से यह संतुलन लगभग तुरंत ही बिगड़ सकता है. 

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गरीबी में देश की 37% आबादी
जीडीपी, फॉरेक्स रिजर्व ही नहीं, बल्कि कुछ और आंकड़े ऐसे हैं, जो साफ करते हैं कि पाकिस्तान किसी भी लेवल पर भारत से युद्ध का जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं है. 2023 तक Pakistan की 37% से अधिक आबादी पहले से ही गरीबी में जी रही थी और 2018 से अब तक 30 लाख से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे जा चुके हैं. अगर Indo-Pak War होता है, तो इस युद्ध से बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म होंगी, महंगाई बढ़ेगी और इससे भी अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में चले जाएंगे. 

सिंधु नदी की मार से बेहाल
बीते 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले के बाद भारत ने अगले ही पाकिस्तान पर वॉटर स्ट्राइक (Water Strike) करते हुए सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) को सस्पेंड कर दिया था. ये भारत का ऐसा कदम रहा जिससे पाकिस्तान पानी के लिए मोहताज हो जाएगा और इसका असर आम जनता से लेकर देश की इकोनॉमी (Pakistan Economy) तक पर दिखेगा.

दरअसल, पानी रुकने से सबसे पहले कृषि प्रभावित होगी, जो पाकिस्तान की जीडीपी में 23% का योगदान देती है और ग्रामीण आबादी के 68% लोगों का भरण-पोषण करती है. लेकिन भारत के कदम से सिंचाई आपूर्ति में भारी गिरावट आएगी, जिससे फसल की पैदावार, खाद्य आपूर्ति श्रृंखला और ग्रामीण रोजगार को खतरा होगा. ऐसे में युद्ध और इससे ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क नष्ट होने से आवश्यक वस्तुओं की तत्काल कमी देखने को मिलेगी और खाद्य असुरक्षा बढ़ जाएगी. 

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पाकिस्तान नहीं उठा सकता युद्ध का जोखिम! 
Pakistan के कंगाली के आंकड़े पहले से ही हालात बयां कर रहे हैं और इसी हफ्ते रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने पाकिस्तान अपनी रिपोर्ट में भी आंकड़ों के साथ कहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध का जोखिम नहीं उठा सकता. एजेंसी ने चेतावनी दी है कि किसी भी सैन्य हलचल से पाकिस्तान के ग्रोथ की रफ्तार (Pakistan Growth) को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचेगा. India-Pak War से पाकिस्तान की बाहरी वित्तपोषण तक पहुंच भी और कम हो जाएगी. 

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