scorecardresearch
 

अडानी के लिए संकटमोचक बने थे राजीव जैन, पहली बार फोर्ब्स बिलेनियर की लिस्ट में मिली जगह!

GQG पार्टनर्स के को-फाउंडर और चेयरमैन राजीव जैन ने अडानी की कंपनियों में बड़ा निवेश किया. राजीव जैन ने इस साल मार्च में लड़खड़ाते अडानी समूह की कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश करके समूह को बड़ा सहारा दिया. 

Advertisement
X
राजीव जैन का अडानी ग्रुप में बड़ा निवेश
राजीव जैन का अडानी ग्रुप में बड़ा निवेश

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद मचे हड़कंप ने अडानी ग्रुप की मार्केट कैप को घटाकर आधे से भी कम कर दिया था. इसके बाद तो अडानी ग्रुप पर इतने संकट आए कि गौतम अडानी की मुश्किल बढ़ती चली गई. अडानी समूह की 10 कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आ गई. शेयरों के दाम 85 फीसदी से भी ज्यादा लुढ़क गए. कंपनी का मार्केट कैप 147 अरब डॉलर तक गिर गया.

लेकिन इसी नाजुक वक्त में दूर भागते निवेशकों के बीच अडानी समूह के लिए राजीव जैन संकटमोचक साबित हुए. GQG पार्टनर्स के को-फाउंडर और चेयरमैन राजीव जैन ने अडानी की कंपनियों में बड़ा निवेश किया. राजीव जैन ने इस साल मार्च में लड़खड़ाते अडानी समूह की कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये का निवेश करके समूह को बड़ा सहारा दिया. 

अडानी के निवेश से राजीव जैन मालामाल!
अडानी समूह में अपने निवेश से बाजार को हैरान करने वाले राजीव जैन के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. दुनिया के अरबपतियों की दौलत का हिसाब किताब रखने वाली लोकप्रिय पत्रिका फोर्ब्स ने राजीव जैन को दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में शुमार कर लिया है. फोर्ब्स के मुताबिक उनकी कुल नेटवर्थ 200 करोड़ डॉलर यानी 1,64,10,70,00,000 रुपये है. अरबपतियों की फोर्ब्‍स लिस्‍ट में वो पहली बार शामिल हुए हैं. 

Advertisement

मुश्किल वक्त में राजीव जैन ने अडानी समूह पर भरोसा दिखाया

राजीव जैन सबसे मुश्किल वक्त में अडानी समूह का सहारा बने थे. इस सहारे का सबूत अडानी समूह के शेयरों में पैसा लगाकर उन्होंने दिया था. अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी एंटरप्राइजेज में उन्होंने निवेश किया. इस निवेश ने अडानी समूह के लिए संजीवनी का काम किया था. राजीव जैन के भरोसे को देखकर दूसरे निवेशकों ने भी अडानी समूह में पैसा लगाना शुरू कर दिया. अपने निवेश पर राजीव जैन ने कहा था कि उन्होंने अडानी के जिन शेयरों में निवेश किया है वो मल्‍टीबैगर साबित होंगे यानी जैन को कम समय में इस निवेश से कई गुना ज्यादा रिटर्न मिलने का यकीन है. 

अडानी समूह पर जैन को क्यों है भरोसा?

राजीव जैन ने कहा कि अडानी समूह में निवेश से उन्हें अगले 5 साल में 100 फीसदी रिटर्न मिलने का भरोसा है. ये बयान इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि उस वक्त अडानी की कंपनियों पर सवाल खड़े हो रहे थे. ऐसे में अगर कोई लहरों में फंसी कश्ती पर सवार होकर उससे किनारे लगने की उम्मीद कर रहा था तो ये आत्मविश्वास वाकई हर किसी को हैरान करने वाला था.

राजीव जैन के मुताबिक अडानी समूह की कंपनियों की वैल्‍यू उसके एसेट्स में दिखती है. फोर्ब्स की इस लिस्ट में गौतम अडानी हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद से टॉप 25 से भी बाहर होने के बाद अब 24वें नंबर पर हैं. जबकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने से पहले वो 24 जनवरी को दुनिया के टॉप 3 अमीरों में शामिल थे.

Advertisement

राजीव जैन कौन हैं?
भारत में जन्मे और पले-बढ़े राजीव जैन साल 1990 में मियामी विश्वविद्यालय से MBA करने के लिए अमेरिका चले गए थे. इसके बाद वह 1994 में Vontobel में शामिल हुए और 2002 में स्विस फर्म के CIO बने. हाल ही में आई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो जब उन्होंने मार्च 2016 में GQG पार्टनर्स शुरू करने के लिए इस कंपनी को छोड़ा था, तब तक वोन्टोवेल के इमर्जिंग मार्केट फंड ने 10 वर्षों में कुल 70% से अधिक रिटर्न दिया था यानी MSCI इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स के दोगुने से भी अधिक. 

 

Advertisement
Advertisement