पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद से पाकिस्तान के लिए मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. पहले भारत ने एक्शन लेते हुए सिंधु जल समझौते को सस्पेंड किया और अटारी बॉर्डर क्लोज करने के साथ ही कई बड़े फैसले लिए. तो जबाव में पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया. अब भारत की ओर से तगड़ा पलटवार किया गया है और Pakistan के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है. ये कई मायनों में पाकिस्तान को बड़ी आर्थिक चोट पहुंचाने वाला फैसला साबित हो सकता है. आइए समझते हैं क्यों और कैसे?
23 मई तक भारत का एयरस्पेस PAK के लिए बंद
Pahalgam Terror Attack के बाद भारत एक के बाद एक झटका पाकिस्तान को देता जा रहा है और इनसे Pakistan बौखलाया नजर आ रहा है. बुधवार को एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने एक नोटम जारी किया, जिसके मुताबिक, भारत ने 23 मई 2025 तक के लिए पाकिस्तानी विमानों के भारतीय एयरस्पेस में एंट्री को बैन कर दिया है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान में रजिस्टर्ड विमानों, पाकिस्तानी एयरलाइंस और ऑपरेटरों के स्वामित्व वाले विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र उपलब्ध नहीं होगा. ये बैन पाकिस्तानी कॉमर्शियल और सैन्य विमानों पर भी लागू होगा.
एयरस्पेस बंद होने के होंगे ये साइड इफेक्ट
'जैसे को तैसा' वाला जवाब देते हुए भारत का एयरस्पेस क्लोज करने का फैसला पाकिस्तान को बड़ी आर्थिक चोट पहुंचाने वाला साबित हो सकता है और एयरस्पेस बैन होने से उड़ानों की शेड्यूलिंग में बड़ा व्यवधान उत्पन्न होने, उड़ान की टाइमिंग में बढ़ोतरी के साथ ही PIA की ऑपरेटिंग कॉस्ट में उछाल ला सकता है. एविएशन एक्सपर्ट्स की मानें, तो भारत के इस फैसले के बाद डेस्टिनेशन के आधार पर कई PIA उड़ानों को एक से दो घंटे तक बढ़ाया जा सकता है. अतिरिक्त उड़ान समय के लिए ज्यादा ईंधन के अलावा अतिरिक्त क्रू ड्यूटी भी जरूरी होगी और इन परेशानियों के चलते PIA को कुछ सर्विसेज रि-शेड्यूल या कम करने के लिए भी मजबूर होना पड़ेगा.

पहले से PIA पर दबाव, अब और बढ़ेगी मुश्किल
पाकिस्तानी एयरलाइन PIA, जो 32 विमानों का एक मामूली बेड़ा संचालित करती है, पहले से ही दबाव में है और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से एयरस्पेस बंद करने की इस कार्रवाई के बाद पीआईए की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली हैं. रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तानी विमानों ने Pahalgam Terror Attack के बाद संभावित जवाबी कार्रवाई के डर से पहले ही भारतीय हवाई क्षेत्र से दूरी बनाना शुरू कर दिया था और अब औपचारिक NOTAM लागू होने के बाद, पाकिस्तान की एयरलाइनों के पास लंबे और अधिक महंगे मार्गों पर उड़ान भरने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. पीआईए को अब अपनी उड़ानों का मार्ग बदलकर चीनी और श्रीलंकाई हवाई क्षेत्र से होकर करना पड़ेगा.
यहां बता दें कि भारत के पास पाकिस्तान से कहीं ज्यादा विमान बेड़े हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो अकेले बजट करियर इंडिगो के पास ही 372 विमानों का बेड़ा मौजूद है, जबकि एअर इंडिया 200 से अधिक विमानों का संचालन करती है.
ऐसे लगेगी पाकिस्तान को आर्थिक चोट
अगर भारत के फैसले से पाकिस्तान को लगने वाली आर्थिक चोट के बारे में बात करें, तो पाकिस्तानी एयरलाइंस को भारत के एयरस्पेस के बंद होने के चलते अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लंबे रास्तों से घूमकर जाना होगा. इससे उड़ानों की दूरी और समय दोनों में इजाफा होगा और विमानों में ईंधन की खपत बढ़ जाएगी. इस परेशानी के चलते परिचालन लागत में इजाफा होने पर एयरलाइंस यात्रियों पर बोझ बढ़ा सकती हैं और एयर टिकट महंगे हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो संभव है कि हवाई यात्रा में ज्यादा समय और ज्यादा किराया होने से लोग सफर करने से कतराने लगें और ये पाकिस्तानी एयरलाइंस के रेवेन्यू को हिट करने वाला साबित होगा.

इसे उदाहरण के तौर पर समझें, तो अभी तक पाकिस्तान के इस्लामाबाद से कुआलालंपुर की फ्लाइट (Islamabad To Kuala Lumpur Flight) अपना सफर करीब 5 घंटे 30 मिनट में पूरा करती थी, लेकिन भारतीय एयरस्पेस बंद होने से अब इस उड़ान को ये दूरी तय करने में लगभग 8 घंटे और 30 मिनट का समय लगेगा.
एयरस्पेस क्या और क्यों है जरूरी?
यहां ये जान लेना बेहद जरूरी है कि आखिर किसी भी देश का Airspace होता क्या है और ये किस तरह जरूरी होता है. तो बता दें जब कोई इंटरनेशनल फ्लाइट एक देश से दूसरे देश जाती है, तो वो कई देशों के ऊपर से गुजरती है, जो उस देश का एयरस्पेस कहलाता है. फ्लाइट्स सबसे छोटा रास्ता देखती हैं और इसके बीच में आने वाले देशों के एयरस्पेस से गुजरने के लिए संबंधित देश को फीस (Overflight Fee) देती हैं. किसी भी देश का एयरस्पेस बंद होने से वो फ्लाइट उस देश के ऊपर से नहीं गुजर सकती है और उस रूट डायवर्ट करके लंबा रास्ता पकड़ना पड़ता है.