पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव ने ग्लोबल टेंशन फिर बढ़ा दी है. भारत के एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान (Pakistan) अब अपने मित्र देशों के सामने कटोरा लेकर गिड़गिड़ाता नजर आ रहा है. जी हां, हाल ही में पाकिस्तान ने चीन से स्वैप लाइन 10 अरब डॉलर बढ़ाने की गुहार लगाई है. लेकिन PAK का सबसे बड़ा मददगार चीन (China) इस समय खुद फंसा हुआ है और हालात ये हैं कि ट्रंप टैरिफ के चलते देश में कई फैक्ट्रियों पर ताले लगने लगे हैं और करोड़ों लोगों पर बेरोजगारी का संकट मंडरा रहा है.
ट्रंप टैरिफ बना ड्रैगन के जी का जंजाल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाई टैरिफ का असर ड्रैगन के जी का जंजाल बन गया है और इसका बुरा असर भी देखने को मिलने लगा है. सीएनबीसी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट की मानें, तो कई चीनी फैक्ट्रियों पर ताले लटकने लगे हैं और कारोबार ठप पड़ गया है. इसमें इन कंपनियों और एनालिस्ट्स के हवाले से कहा गया है कि US Tariff के असर के चलते चीनी निर्माता अपना प्रोडक्शन रोक रहे हैं और नए बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं. इसके चलते नौकरियों पर भी असर देखने को मिल रहा है.

'कर्मचारियों को घर भेजा...'
रिपोर्ट में कंसल्टिंग फर्म टाइडलवेव सॉल्यूशंस के शंघाई स्थित सीनियर पार्टनर कैमरन जॉनसन के हवाले से ताजा हालात बयां किए गए हैं. उन्होंने कहा कि, 'मैं कई कारखानों को जानता हूं, जिन्होंने अपने आधे कर्मचारियों को कुछ हफ्तों के लिए घर जाने के लिए कह दिया है और अपना ज्यादातर प्रोडक्शन बंद कर दिया है.' उन्होंने कहा कि खिलौने (Chinese Toys), खेल से जुड़े सामान और कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स बनाने वाली फैक्ट्रियों पर ट्रंप टैरिफ का सबसे बुरा असर दिख रहा है. जॉनसन के मुताबिक, हालांकि अभी तक बड़े पैमाने पर नहीं, लेकिन यिवू और डोंगगुआन के प्रमुख केंद्रों में यह हो रहा है और चिंता है कि यह और भी बढ़ेगा.
2 करोड़ लोगों पर नौकरी का संकट
Donald Trump Tariff के बीच चीन में बढ़े कारोबारी संकट के बीच पहले ही गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने अनुमान जाहिर करते हुए कहा है कि ट्रंप टैरिफ के असर से चीन में लगभग 1 से 2 करोड़ कर्मचारी ऐसे हैं जो अमेरिका-आधारित निर्यात व्यवसायों से जुड़े हुए हैं और इनपर बेरोजगारी का संकट मंडराने लगा है. बता दें कि बीते साल चीन के शहरों में काम करने वाले कर्मचारियों की आधिकारिक संख्या 473.45 मिलियन थी.

भारत की ओर देख रहा चीन!
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन में कमजोर हो रहे जॉब मार्केट (Chinese Job Market) का बुरा हाल नजर आ रहा है. ऐसे में अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित चीनी कंपनियां अब भारतीय निर्यातकों से संपर्क साध रही हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेड वॉर के बीच अपने अमेरिकी ग्राहकों को बनाए रखने के लिए और अपने ऑर्डर पूरा करने के लिए भारतीय एक्सपोटर्स से ये संपर्क साधा जा रहा है.
बता दें कि अमेरिका को चीन से होने वाले ज्यादातर निर्यात पर 145 फीसदी का टैरिफ लगाया गया है और इसके विपरीत, भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामान पर वर्तमान में 10 फीसदी टैरिफ है, जो 90 दिनों की छूट के बाद जुलाई में बढ़कर 26 फीसदी होने वाला है. रिपोर्ट के मुताबिक, Donald Trump के पहले कार्यकाल के दौरान निशाने पर आए कई चीनी निर्यातक दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की ओर मुड़े और वियतनाम में कारखाने स्थापित किए या थाईलैंड जैसी जगहों पर माल भेजा, जहां से उन्हें फिर अमेरिका को निर्यात किया गया. लेकिन इस बार गेंद भारत के पाले में है, क्योंकि ट्रंप ने वियतनाम जैसे देशों पर 46 फीसदी का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है.

ऐसे हाल में कैसे करेगा PAK की मदद?
एक ओर जहां चीन पहले से संकट में फंसा नजर आ रहा है, उस पर पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद पाकिस्तान China से ही मदद की गुहार लगा रहा है. रॉयटर्स के मुताबिक, पाकिस्तान के वित्त मंत्री (Pakistan Finance Minister) मुहम्मद औरंगजेब ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया है कि पाकिस्तान ने चीन से अपनी मौजूदा स्वैप लाइन को 10 अरब युआन (करीब 1.4 अरब डॉलर) तक बढ़ाने का आग्रह किया है, जो फिलहाल 30 अरब युआन है.