अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चीन पर हैवी टैरिफ (Tariff on China) लगाकर जब बड़ा झटका दिया था तो China ने एक ऐसा कदम उठाया था, जिससे अब भारत समेत दुनिया भर के उद्योगों पर संकट आता हुआ दिख रहा है. दरअसल, चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट के एक्सपोर्ट नियम में कुछ बदलाव किया था, जिस कारण भारत, यूरोप और अमेरिका समेत कई देशों के शिपमेंट रुक गए. हालांकि अमेरिका-चीन की डील तो हो गई है, लेकिन भारत का शिपमेंट अभी भी रुका है.
दुनिया भर में रेयर अर्थ को लेकर इतनी चिंता क्यों है? ये समझने से पहले आपको Rare Earth क्या है... ये समझना बहुत जरूरी है. रेयर अर्थ एलिमेंट्स इसलिए इतना खास हैं, क्योंकि इसका यूज, टीवी, सोलर पैनल, विंड टरबाइन, इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्टफोन और लैपटॉप बनाने में यूज होता है. रेयर अर्थ एलिमेंट्स में लैंथेनम, नियोडियम, प्रासियोडियम समेत कुल 17 मिनरल्स हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक, मैंग्नेटिक और टेक्निकल प्रोडक्ट्स के लिए बेहद जरूरी हैं.
ये सभी जगहों पर नहीं मिलता है. इसे निकालना भी काफी जटिल है. चीन रेयर अर्थ का 61 फीसदी हिस्सा खनन के जरिए निकालता है, लेकिन ग्लोबल प्रोडक्शन का 92 फीसदी हिस्सा कंट्रोल करता है. जिस कारण दुनिया Rare Earth को लेकर चीन पर ही निर्भर है. यही कारण है कि जब भी चीन को अपनी बात मनवानी होती है, वह रेयर अर्थ को लेकर दुनिया को आंख दिखाने लगता है.
वहीं अब एक रिपोर्ट में ऐसा खुलासा हुआ है, जो आपको भी हैरान कर देगा. एक रिपोर्ट का दावा है कि चीन दुनिया को जो Rare Earth सप्लाई करता है, वह म्यांमार से एक बड़ा हिस्सा मंगाता है और फिर एक्सपोर्ट के लिए कंट्रोल करता है.
खुद विदेश से एक्सपोर्ट कर रहा है चीन
चीन दुर्लभ मृदा (Rare Earth) एलिमेंट्स के एक्सपोर्ट पर कंट्रोल बढ़ा रहा है, जिससे ग्लोबल स्तर पर इसकी कमी हो रही है और उद्योंगों की चीन आपूर्ति चेन पर निर्भरता उजागर हो रही है. रिपोर्ट में कहा है कि हाल ही में चीन खुद एक अप्रत्याशित सोर्स से दुर्लभ मृदा की आपूर्ति पर निर्भर हो गया है. चीन भले ही वर्ल्ड में रेयर अर्थ एनिमेंट्स उत्पादक है, फिर भी वह इन मेटल्स वाले कच्चे माल का आयात विदेशों (म्यांमार) से करता है.
म्यांमार से 42000 मीट्रिक टन रेयर अर्थ का इम्पोर्ट
सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सामरिक और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र में महत्वपूर्ण खनिज सुरक्षा कार्यक्रम के डायरेक्टर ग्रेसलिन बस्करन ने कहा कि पिछले साल चीन के कुल रेयर अर्थ आयात में म्यांमार का योगदान लगभग 57% था. China के आंकड़ों के अनुसार, म्यांमार से चीन को दुर्लभ अर्थ का एक्सपोर्ट 2018 में काफी बढ़ गया और 2023 तक करीब 42000 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है.
चीन की म्यांमार के रेयर अर्थ में बढ़ रही हिस्सेदारी
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोजेक्ट ब्लू के अनुसंधान निदेशक डेविड मेरिमैन ने बताया कि म्यांमार में भारी दुलर्भ मृदा खनिज भंडार ज्यादा मात्रा में मौजूद हैं. मेरिमैन ने कहा कि म्यांमार में नई IAC प्रकार की खदानों का निर्माण काफी तेजी से हुआ है और अब यह चीन के लिए उत्पादन की एक जगह बन रहा है. इसमें चीन की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है. सीनियर सलाहकार यू वांग के मुताबिक, म्यांमार में इन आईएसी खनिकों द्वारा निकाले गए दुर्लभ मृदा को आगे की प्रक्रिया और जांच के लिए चीन भेजा जाता है.