देश की इकोनॉमी में सर्विस सेक्टर सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखता है. लेकिन कोरोना ने इस सेक्टर की हालत काफी खराब की है. अब मई के महीने में सर्विस सेक्टर का PMI Index 9 महीने के निचले स्तर पर आ गया है. अगस्त के बाद ये पहली बार है जब ये 50 पॉइंट से नीचे आया है. (Photo : Getty)
मई के महीने में सर्विस सेक्टर का पीएमआई इंडेक्स गिरकर 46.4 पॉइंट पर आ गया. पिछले महीने अप्रैल में ये 54 पॉइंट पर था. इससे पहले इतना नीचे ये इंडेक्स अगस्त 2020 में 46 पॉइंट पर गया था. PMI इंडेक्स का इतना नीचे आना क्या दिखाता है? (Photo : Getty)
Nikkei/IHS Markit हर महीने सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच एक सर्वे करती हैं. इस तरह दोनों सेक्टर के अलग-अलग इंडेक्स तैयार करती हैं. PMI Index का 50 अंक से नीचे जाना उस सेक्टर की गतिविधियों में कमी आना दिखाता है, वहीं 50 अंक से ऊपर रहना संबंधित सेक्टर की गतिविधियों में वृद्धि के रुख को दिखाता है. मई में ये इंडेक्स 50 पॉइंट से नीचे क्यों आया? (Photo : Getty)
IHS Markit में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलियाना डी लामा का कहना है कि कोरोना संकट के गहराने और कई राज्यों में इससे जुड़ी पाबंदियां बढ़ने से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सेवाओं की मांग गिरी है. इसके चलते सर्विस सेक्टर में गिरावट देखी गई है. लेकिन क्या ये गिरावट अचानक आई? (Photo : Getty)
हालांकि कोरोना की शुरुआत से ही सर्विस सेक्टर का बुरा हाल है. एविएशन से लेकर हॉस्पिटलैटिटी सेक्टर तक सभी को इस संकट का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन सर्विस सेक्टर की टोटल डिमांड में अगस्त के बाद मई में सबसे तेज गिरावट दर्ज की गई है. जबकि इंटरनेशनल डिमांड में ये नवंबर के बाद की सबसे तेज गिरावट है. क्या नौकरियों पर इसका असर पड़ा? (Photo : Getty)
सर्विस सेक्टर लगातार अपने यहां नौकरियों में कटौती कर रहा है. मई में नौकरियों में कटौती सबसे तेज गति से हुई है. वहीं अक्टूबर के बाद मई में सबसे अधिक स्तर पर लोगों को नौकरियों से हटाया गया है. बुरी खबर ये है कि इस सेक्टर में बीते एक साल में करोड़ों लोगों का रोजगार छिन चुका है. (Photo : Getty)