महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी राज्यों को बजट से बहुत उम्मीदें थीं. बजट से उम्मीदें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जाति-जनजाति को भी थीं. तय माना जा रहा था कि मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट में सरकार चुनावी राज्यों के लिए अपना खजाना खोल देगी. ओबीसी और एससी-एसटी जिन्हें बीजेपी और एनडीए की सीटें कम होने की वजह कहा जा रहा था, उनके लिए लोकलुभावन ऐलान करेगी. अमूमन ऐसा होता भी है.
सत्ताधारी पार्टी का चुनावी राज्यों पर फोकस बजट में झलकता रहा है लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में चुनावी राज्यों के लिए या ओबीसी और एससी-एसटी के लिए कोई भी खास ऐलान नहीं किया है. हालांकि, कुछ ऐसी योजनाएं या ऐलान हैं जिनमें ये राज्य और ये वर्ग कवर हो रहे हैं.
पूर्वोदय योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी बजट स्पीच में देश के पूर्वी भाग के राज्यों के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वोदय योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के साथ ही झारखंड भी कवर हो रहा है. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इस योजना के तहत मानव संसाधन विकास के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक उन्नति के अवसरों का सृजन किया जाएगा. इस योजना का लाभ बाकी राज्यों के साथ ही झारखंड को भी मिलेगा.
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
बजट में प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू करने का ऐलान किया गया है. जनजातीय समुदाय के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए शुरू किए जा रहे इस अभियान के तहत जनजातीय परिवारों को सरकारी योजनाओं के संपूर्ण कवरेज का लक्ष्य रखा गया है. इसमें जनजाति बाहुल्य 63 हजार गांवों को शामिल किया जाना है और पांच करोड़ जनजातीय लोग लाभान्वित होंगे. जनजाति बाहुल्य झारखंड की कुल आबादी में करीब 27 फीसदी भागीदारी जनजातियों की है. ऐसे में इस योजना का लाभ भी झारखंड को मिलेगा.
कृषि
सरकार ने कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए एक लाख 52 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. वित्त मंत्री ने उत्पादन बढ़ाने और जलवायु के अऩुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा का ऐलान करते हुए ये भी कहा है कि 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी.
अगले दो साल में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता देने और इसके तहत प्रमाण-पत्र, ब्रांडिंग की व्यवस्था वैज्ञानिक संस्थाओं और ग्राम पंचायतों के माध्यम से करने की बात बजट में कही गई है. 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स स्थापित करने के साथ ही तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए कार्यनीति बनाने, प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के करीब बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित करने और तीन साल में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) लागू करने का ऐलान भी बजट में किया गया है.
वित्त मंत्री ने ये भी कहा है कि 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरे रजिस्ट्री में दर्ज किए जाएंगे, राष्ट्रीय सहकारी नीति लाई जाएगी जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी आएगी. हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए बजट में सीधे कोई ऐलान नहीं किया गया है लेकिन इन दोनों ही राज्यों की बड़ी आबादी कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों से जुड़ी है. ऐसे में कृषि को लेकर सरकार के कदमों का लाभ इन राज्यों की बड़ी आबादी तक भी पहुंचेगा.
प्लग एंड प्ले औद्योगिक पार्क
वित्त मंत्री ने अपनी बजट स्पीच में सौ शहरों में या उनके आसपास राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ निवेश के लिए 'प्लग एंड प्ले' औद्योगिक पार्क विकसित करने की बात कही है. ये सौ शहर कौन से होंगे, किस राज्य के होंगे, इसे लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि इनमें चुनावी राज्यों को तरजीह दी जा सकती है.
ओबीसी और एससी-एसटी के लिए क्या
बजट में एसटी के लिए जहां प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का ऐलान किया गया है, वहीं एससी और ओबीसी के लिए सीधे कोई ऐलान सरकार ने नहीं किया है. हालांकि, मुद्रा योजना के तहत गारंटी फ्री लोन की सीमा 10 से बढ़ाकर 20 लाख करने का ऐलान किया गया है जिससे इन दोनों वर्गों के लोगों को भी लाभ होगा.
चमड़े की वस्तुओं का निर्माणः वित्त मंत्री ने चमड़ा के क्षेत्र में निर्यात की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बत्तख या गूज से मिलने वाले रियल डाउन फिलिंग मैटेरियल पर बीसीडी कम करने का प्रस्ताव रखा है. उन्होंने निर्यात किए जाने वाले चमड़े के साथ ही जूते-चप्पल और चमड़े की अन्य वस्तुओं के निर्माण में उपयोग की जाने वाली कुछ और अन्य वस्तुओं को भी कर मुक्त वस्तुओं की सूची में जोड़ने का ऐलान किया. इससे चमड़े के कारोबार से जुड़े एससी और अन्य वर्गों के लोग लाभान्वित होंगे.
एमएसएमईः सरकार ने एमएसएमई के लिए सौ करोड़ तक की गारंटी कवर देने के लिए स्व-वित्त गारंटी निधि बनाने का ऐला किया है. ऋण की राशि इससे अधिक हो सकती है. एमएसएमई ऋण के लिए नए ऋण आकलन मॉडल का ऐलान किया गया है जिसमें बिना किसी औपचारिक लेखांकन प्रणाली वाले एमएसएमई भी कवर होंगे. संकट के समय भी एमएसएमई को बैंक ऋण की सुविधा जारी रखने के लिए सरकार नई व्यवस्था शुरू करेगी. इससे एससी-एसटी, ओबीसी वर्ग के लोग भी लाभान्वित होंगे.
महिलाओं के लिए योजनाएंः बजट में महिलाओं और लड़कियों से संबंधित योजनाओं के लिए तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन की व्यवस्था की गई है. इससे हर वर्ग की महिलाएं लाभान्वित होंगी.
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आवासः प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकान के निर्माण का ऐलान सरकार ने किया है. इस कदम का लाभ भी एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के बड़े तबके को मिलेगा.
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कौशल प्रशिक्षणः सरकार पांच साल में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने की बात कही है. वित्त मंत्री ने ये भी कहा है कि सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ 7 लाख 50 हजार तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा. इससे हर साल 25 हजार छात्रों को सहायता मिलेगी. इसका लाभ हर वर्ग के साथ ही ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग के युवाओं को भी मिलेगा.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में शिल्पकारों, कारीगरों, स्वयं सहायता समूह, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का जिक्र किया और कहा कि इनकी आर्थिक सहायता के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशनों के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाएगी.