केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार अपने बजट का 12.9 फीसदी हिस्सा डिफेंस के लिए दिया है. लेकिन यह अंतरिम बजट से काफी कम कर दिया गया है. इस बार रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ रुपयों का ऐलान किया गया है. जबकि अंतरिम बजट में यह ऐलान 6,21,541 करोड़ रुपयों का था.
पिछले साल की तुलना में यह बजट मात्र 4.72 फीसदी बढ़ाया गया है. पिछले साल का रक्षा बजट 5.93 लाख करोड़ रुपयों से थोड़ा ज्यादा था. वित्तमंत्री ने इस रक्षा बजट में 1.05 लाख करोड़ रुपए का ऐलान सिर्फ इसलिए किया है, ताकि आत्मनिर्भर भारत के तहत देश की कंपनियों से रक्षा की खरीद-फरोख्त हो पाए. उन्हें बढ़ावा दिया जा सके.
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सीमा की सुरक्षा के लिए जरूरी है सड़कों का निर्माण इसलिए इस बार बजट में बॉर्डर रोड्स के बजट में 30 फीसदी का इजाफा किया गया है. इसके लिए 6500 करोड़ रुपए दिए गए हैं. डिफेंस स्टार्टअप्स के लिए iDEX स्कीम के तहत 518 करोड़ रुपयों का ऐलान किया गया है. ताकि नए हथियार और तकनीक विकसित किए जा सकें.
पिछले साल के बजट से 68 हजार करोड़़ रुपए ज्यादा
अगर पिछले साल के रक्षा बजट से तुलना करें तो इस साल रक्षा बजट में 68,834 करोड़ रुपयों की बढ़ोतरी की गई है. जबकि साल 2022-23 में यह बजट 5.25 लाख करोड़ रुपयों से थोड़ा ज्यादा था. इस बार के बजट का 27.67 फीसदी हिस्सा कैपिटल एक्वीजिशन में यानी 1.72 लाख करोड़ रुपए.
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14.82 फीसदी रेवेन्यू एक्सपेंडिचर और ऑपरेशनल प्रीपेयर्डनेस यानी 92,088 करोड़ रुपए. 30.68% सैलरी और एलाउंसेस, 22.72 फीसदी पेंशन यानी 1.41 लाख करोड़ रुपए. 4.11 फीसदी सिविल ऑर्गेनाइजेशन को दिया गया है. भारतीय कोस्ट गार्ड को 7651 करोड़ और DRDO के लिए 23,855 करोड़ रुपए.

अंतरिम बजट से कैसे और कितना अलग है ये रक्षा बजट
इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में रक्षा के लिए 6.24 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान था. साल 2025 के हिसाब से अंतरिम बजट थोड़ा कम जरूर था लेकिन बाकी मंत्रालयों की तुलना में यह सबसे ज्यादा था. यह भारत सरकार के पूरे बजट का 13 फीसदी है. जबकि भारत के पूरे जीडीपी का 2 फीसदी से कम है.
रक्षा उत्पादन में क्या रहा है भारत का हाल
भारत का सालाना रक्षा उत्पादन 2023-24 में अपने उच्चतम स्तर पर था. इस दौरान करीब 1.27 लाख करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन हुआ. जो कि पिछले साल के 1.09 लाख करोड़ से काफी ज्यादा है. रक्षा मंत्रालय ने 12,300 रक्षा उत्पादों को तीन साल में भारत की कंपनियों से खरीदा है, बनवाया है. घरेलू रक्षा उत्पादन बढ़ रहा है.
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क्या है भारत के फ्यूचर डिफेंस की तैयारी?
अनुमान के अनुसार भारतीय मिलिट्री अगले पांच से छह साल में 130 बिलियन डॉलर्स का कैपिटल प्रोक्योरमेंट करेगी. यानी 10.88 लाख करोड़ रुपए. सरकार की योजना है कि विदेश से रक्षा उत्पाद, यंत्र, हथियार कम से कम खरीदे जाएं. घर में बने हथियारों का इस्तेमाल हो. अगले पांच साल में 1.75 लाख करोड़ के घरेलू रक्षा उत्पादन की तैयारी की जा रही है. हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि साल 2028-29 तक भारत से हथियारों का निर्यात 50 हजार करोड़ रुपयों का हो जाएगा. यह अभी 21,803 करोड़ रुपए का है.