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स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र के लिए फायदेमंद हो सकता आगामी बजट

स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र के लिए एफडीआई नीति को उदार बनाने के बाद अब उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में घरेलू विनिर्माताओं के लिए टैक्स में छूट देने के साथ प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है.

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स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र के लिए एफडीआई नीति को उदार बनाने के बाद अब उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में घरेलू विनिर्माताओं के लिए टैक्स में छूट देने के साथ प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने अपने बजट प्रस्ताव में वित्त मंत्री अरुण जेटली को सुझाव दिया है कि सिरिंज और पेसमेकर समेत स्वास्थ्य उपकरणों पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई जाए.

सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने 28 फरवरी को पेश होने वाले बजट में मूल सीमा शुल्क 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने का सुझाव दिया है.

फिलहाल इन उत्पादों पर शुल्क ढांचा उलटा है. इसका अर्थ है कि अंतिम उत्पाद पर सीमा शुल्क सिरिंजों के घरेलू विनिर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल पर लगने वाले शुल्क से कम है.

अनुमान के मुताबिक सिरिंज का आयात 2013-14 में बढ़कर 3.87 करोड़ डॉलर हो गया जो 2006-07 में 3.07 करोड़ डॉलर था. इन उत्पादों की घरेलू मांग करीब 3 अरब इकाई है.

मंत्रालय ने यह भी सुझाव दिया कि पेसमेकर के संबंध में इस्तेमाल के आधार पर आयातित कच्चे माल पर प्रतिपूर्ति शुल्क से छूट मिलनी चाहिए. सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय चाहता है कि आयातित कच्चे माल पर 5 फीसदी की मौजूदा रियायत बरकरार रहनी चाहिए. एक उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि इस क्षेत्र में बड़ी संभावना है क्योंकि पेसमेकर की घरेलू मांग करीब 50,000 इकाई है. इसका आयात 2013-14 में बढ़कर 2.28 करोड़ डॉलर हो गया जो 2006-07 में 1.42 करोड़ डॉलर था.

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पिछले साल दिसंबर में सरकार ने स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र में स्वचालित मार्ग से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी थी ताकि डायग्नॉस्टिक किट और अन्य उपकरणों के विनिर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके.

भारत ने वैश्विक स्तर पर फार्मा क्षेत्र में उल्लेखनीय स्थिति प्राप्त की है. हालांकि स्वास्थ्य उपकरण क्षेत्र में यह उपलब्धि दोहराई न जा सकी.

इनपुट भाषा से

 

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