नई सरकार के गठन के बाद बिहार में अवैध कब्जों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है. पूरे राज्य में पहले बुलडोजर एक्शन चला और अब सरकार ने भूमाफिया और बालू माफिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
इसी कड़ी में बिहार सरकार ने भूमाफियाओं की एक विस्तृत सूची तैयार की है और उनकी संपत्ति जब्त करने के लिए यह सूची केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेज दी गई है. खबरों के मुताबिक, इस सूची में दरभंगा के चर्चित भूमाफिया मोहम्मद रिजवान उर्फ राजा का नाम सबसे ऊपर है.
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दरभंगा का चर्चित नाम मोहम्मद रिजवान
मोहम्मद रिजवान उर्फ राजा दरभंगा जिले के बहादुरपुर प्रखंड के मोदामपुर एकमिघाट का रहने वाला है और फिलहाल जेल में बंद है. एकमिघाट इलाके में उसका एक आलीशान मकान बताया जाता है, जहां जदयू के तीर निशान के साथ उसका नाम और बड़ी तस्वीर लगी हुई है. स्थानीय स्तर पर वह खुद को जदयू नेता के रूप में भी पेश करता रहा है. हालांकि, उसके पास कुल कितनी संपत्ति है, इसकी आधिकारिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है.
भाई का दावा: कोई निजी संपत्ति नहीं
आरोपी के भाई शम्स तबरेज का कहना है कि मोहम्मद रिजवान के नाम पर कोई निजी संपत्ति नहीं है. बातचीत में उन्होंने दावा किया कि जो भी संपत्ति है, वह उनके पूर्वजों की है. शम्स तबरेज ने यह भी स्वीकार किया कि उनका भाई जमीन के कारोबार से जुड़ा था और इस तरह के कारोबार में अक्सर विवाद होते रहते हैं. उनका आरोप है कि इसी वजह से उनके भाई को झूठे मामलों में फंसाया गया. उन्होंने बताया कि मोहम्मद रिजवान पर फिलहाल कुल 32 मामले दर्ज हैं और संपत्ति जब्ती की जानकारी उन्हें मीडिया के जरिए मिली है. उनका कहना है कि अब ED निष्पक्ष जांच करे और सच्चाई के आधार पर कार्रवाई हो.
पीड़ित कारोबारी की आपबीती
दूसरी ओर, दरभंगा के बड़े व्यवसायी और पीड़ित दिनेश कुमार दारुका ने अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि एक जमीन के सौदे में उन्होंने अग्रिम के तौर पर 60 लाख रुपये मोहम्मद रिजवान और डॉक्टर नवाब के बीच बने कागज के आधार पर दिए थे. जमीन की कुल कीमत 5 करोड़ 60 लाख रुपये तय हुई थी. बाद में उसी जमीन पर एक अन्य खरीदार से भी 1 करोड़ 40 लाख रुपये ले लिए गए. इसके बाद मामला उलझ गया और न तो उन्हें जमीन मिली और न ही उनका पैसा वापस हुआ.
संपत्ति जब्ती से जगी उम्मीद
दिनेश कुमार दारुका ने बताया कि पूरा मामला फिलहाल अदालत में चल रहा है. अब जब मोहम्मद रिजवान की संपत्ति जब्त होने की खबर सामने आई है, तो उन्हें अपने पैसे वापस मिलने की उम्मीद जगी है. उनका कहना है कि अगर सरकार जब्त संपत्तियों को बेचकर पीड़ितों का पैसा रिकवर कराए, तो यह न्याय की दिशा में बड़ा कदम होगा. इस पूरे मामले पर अब सबकी नजर ED की कार्रवाई पर टिकी हुई है.