बिहार के रोहतास जिले में कैमूर पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला तक जाने के लिए बन रहा रोपवे ट्रायल के दौरान ही धराशाई हो गया. यह हादसा रोहतास के अकबरपुर इलाके में हुआ, जहां रोपवे का परीक्षण किया जा रहा था. ट्रायल के समय रोपवे के कई पिलर अचानक उखड़ गए और यात्रियों को बैठाने वाला केबिन-डोला टूटकर नीचे गिर गया. देखते ही देखते पूरा ढांचा जमीन पर आ गिरा.
गनीमत यह रही कि ट्रायल के दौरान केबिन में कोई भी व्यक्ति सवार नहीं था, जिस कारण किसी तरह की जनहानि नहीं हुई. अगर केबिन में लोग होते तो बड़ा हादसा हो सकता था. हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और काम कर रहे कर्मचारी व अधिकारी सकते में आ गए.
यह भी पढ़ें: रोहतास में हत्या से हड़कंप, निजी दुश्मनी में शख्स को मारी कई गोलियां, 5 खोखे बरामद
अभियंताओं की मौजूदगी में चल रहा था ट्रायल
जानकारी के मुताबिक, रोपवे का ट्रायल अभियंताओं और तकनीकी विशेषज्ञों की मौजूदगी में किया जा रहा था. जैसे ही खाली केबिन को अकबरपुर की ओर से रोहतासगढ़ किला की दिशा में भेजा गया, वह थोड़ी ही दूरी पर पहुंचा था कि अचानक रोपवे का एक पिलर गिर पड़ा. इसके बाद एक के बाद एक कई पिलर जमीन पर गिरते चले गए.
कुछ ही पलों में पूरा रोपवे सिस्टम, मशीनों और केबिन के साथ पूरी तरह धराशाई हो गया. इस दौरान तेज आवाज के साथ लोहे का ढांचा गिरने से आसपास के लोग भी दहशत में आ गए. हालांकि राहत की बात यही रही कि केबिन खाली था.
6 साल से चल रहा था निर्माण, नए साल पर होना था लोकार्पण
बताया जा रहा है कि इस रोपवे का निर्माण पिछले 6 सालों से चल रहा था और इस पर करीब 13 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत आई है. वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका शिलान्यास किया था. नए साल के मौके पर इसके लोकार्पण की तैयारी चल रही थी.
स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि रोपवे शुरू होने से रोहतासगढ़ किला तक पहुंचना आसान हो जाएगा और लगभग 70 किलोमीटर का घुमावदार रास्ता कुछ ही मिनटों में तय हो सकेगा. लेकिन ट्रायल में ही रोपवे के धराशाई हो जाने से लोगों की यह उम्मीद टूट गई है और इलाके में निराशा का माहौल है.