बिहार के गृह मंत्री सम्राट चौधरी के विभाग ने सूबे में सक्रिय 20 भू और बालू माफियाओं की एक स्पेशल लिस्ट तैयार की है. इस लिस्ट को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) को सख्त कार्रवाई और उनकी अवैध संपत्ति जब्त करने के लिए सौंपा गया है. सरकार ने इन चिन्हित माफियाओं की करीब 55 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति कुर्क करने के निर्देश दिए हैं.
इस लिस्ट में 8 भू माफिया और 12 बालू माफियाओं के नाम शामिल किए गए हैं.
यह कदम राज्य में अवैध भूमि कब्जा और बालू के अवैध खनन के सिंडिकेट को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए उठाया गया है.
चिन्हित भू माफियाओं पर ईओयू का शिकंजा
गृह मंत्रालय द्वारा सौंपी गई इस लिस्ट में अपराधियों का पूरा ब्योरा दिया गया है. 8 भू माफियाओं की सूची में पटना के पिंकू यादव उर्फ टिंकू यादव का नाम प्रमुखता से शामिल है, जो आरजेडी के पूर्व विधायक रीत लाल यादव के भाई हैं.
इसके अलावा पटना से अश्वनी कुमार, पारस राय, राजबल्लभ कुमार और संजय डॉन के नाम हैं. दरभंगा से रिजवान उर्फ राजा, कैमूर से वीरेंद्र प्रसाद बिंद और आरा से कामाख्या सिंह को भी भू माफिया के तौर पर चिन्हित किया गया है. प्रशासन अब इन सभी की संपत्तियों की जांच कर उन्हें जब्त करेगा.
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बालू माफियाओं की काली कमाई पर प्रहार
बालू माफियाओं की लिस्ट में कुल 12 नाम शामिल हैं, जिनमें पटना के रामप्रवेश सिंह, विशुन दयाल सिंह और विदेशी राई के नाम दर्ज हैं. बांका जिले से विभीषण यादव, छोटू यादव, नितेश यादव, संजय यादव, बादल यादव और आजाद यादव पर शिकंजा कसा गया है. इनके अलावा आरा से सोनू खान और सुनील कुमार यादव, औरंगाबाद से अमित उर्फ गुड्डू यादव को भी इस लिस्ट में रखा गया है. आर्थिक अपराध इकाई को इन सभी की अवैध कमाई से बनाई गई संपत्तियों का ब्योरा जुटाने का काम सौंपा गया है.
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राजनीतिक कनेक्शन और जातिगत आंकड़े
सरकार की इस लिस्ट में शामिल नामों के जातिगत आंकड़े भी सामने आए हैं. 8 भू माफियाओं में से 3 शख्स यादव जाति से ताल्लुक रखते हैं. वहीं, 12 बालू माफियाओं की सूची में से 9 लोग यादव जाति के हैं. लिस्ट में रीत लाल यादव के भाई जैसे बड़े राजनीतिक रसूख वाले नाम होने से यह साफ है कि सरकार किसी भी दबाव में आए बिना कार्रवाई के मूड में है. ईओयू अब इन सभी 20 माफियाओं की कुल 55 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को जब्त करने की कानूनी प्रक्रिया को अंजाम देगी.