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मोबिल में 10W या W40 का क्या होता है मतलब? बाइक के लिए कैसे चुनें सही 'इंजन ऑयल', पढें एक-एक डिटेल

Engine Oil Explained: बाइक के मैकेनिकल पार्ट्स को बेहतर बनाए रखने के लिए इंजन ऑयल बहुत जरूरी होता है. ये न केवल मेटल पार्ट को घर्षण से बचाता है बल्कि इसे कूल रखने और बेहतर परफॉर्म करने में भी पूरी मदद करता है. तो यदि आप भी अपने बाइक से एक बेहतर परफॉर्मेंस की उम्मीद करते हैं तो आपको उसके इंजन ऑयल को लेकर भी सतर्क होना बेहद ही जरूरी है.

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How To Choose Engine Oil.
How To Choose Engine Oil.

रफ्तार के शौकीनों के बीच एक कहावत है 'कार की ड्राइविंग केवल बॉडी को मूवमेंट देती है, लेकिन बाइक राइडिंग आत्मा को.' बाइक राइडिंग केवल एक स्किल नहीं बल्कि एक अनोखा अनुभव है. बाइकर्स के लिए राइड केवल एक प्वाइंट से दूसरे प्वाइंट तक पहुंचना नहीं होता है... बल्कि वो उस मोमेंट को पूरी तरह से जीने जैसा होता है. सड़क पर हवा को चीरते हुए बाइक जब आगे बढ़ती है तो, उसकी रफ़्तार एक ट्रू राइडर के लिए धड़कन से कम नहीं होती है.

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सड़क पर भागती मशीन से ऐसा अनुभव प्राप्त करना केवल एक टू-व्हीलर के लिए ही संभव है. इंजन की आवाज और थ्रॉटल के स्मूथनेस से राइडर ये साफ तौर पर समझ पाता है कि बाइक कितनी बेहतर कंडिशन में है. लेकिन यह सबकुछ तभी संभव है जब आपकी बाइक में किसी तरह की कोई समस्या न हो. 

जैसे इंसानी रगों में खून दौड़ता है वैसे ही बाइक के मैकेनिकल पार्ट्स में ऑयल. ये न केवल मेटल पार्ट को घर्षण से बचाता है बल्कि इसे कूल रखने और बेहतर परफॉर्म करने में भी पूरी मदद करता है. तो यदि आप भी अपने बाइक से एक बेहतर परफॉर्मेंस की उम्मीद करते हैं तो आपको उसके इंजन ऑयल को लेकर भी सतर्क होना बेहद ही जरूरी है. आज हम आपको इंजन ऑयल से जुड़ी हर बारीकियों से अवगत कराएंगे, आइये विस्तार से समझें-

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How Engine Oil Works

इंजन ऑयल क्यों है जरूरी? 
 
इंजन किसी भी बाइक का सबसे महत्वपूर्ण मकैनिकल पार्ट होता है, ये कई अलग-अलग पार्ट्स से मिलकर बनता है. ये सभी पार्ट फ्यूल को एक मैकेनिकल फोर्स में बदलने के लिए एक साथ मिलकर काम करते हैं. बेहतर ढंग से काम करने के लिए ये सभी पार्ट एक धर्षण (Friction) पैदा करते हैं और ये तब होता है जब अलग-अलग पार्ट्स संपर्क में आते हैं. इसी समय काम आता है इंजन ऑयल, जिसे आम भाषा में लोग मोबिल ऑयल भी कहते हैं.

इंजन ऑयल यह सुनिश्चित करता है कि मोटर पार्ट्स द्वारा उत्पन्न घर्षण किसी भी कंपोनेंट्स को नुकसान न पहुँचाए. इंजन ऑयल का प्रमुख उद्देश्य इन पार्ट्स को पर्याप्त चिकनाई प्रदान करना है ताकि घर्षण और घिसाव को कम से कम रखा जा सके. इसके अलावा, सही ऑयल इंजन द्वारा पैदा होने वाली गर्मी को भी कम करने में मदद करता है. इससे न केवल बाइक का माइलेज बेहतर होता है बल्कि ये इंजन को साफ भी रखता है. 

यही कारण है कि वाहन निर्माता कंपनियां एक समायांतराल के बाद बाइक के इंजन ऑयल को बदलने की सलाह देते हैं. जैसे-जैसे ऑयल पुरान होता जाता है इसकी चिकनाई कम होने लगती है. क्योंकि इंजन कंपोनेंट्स के घर्षण से निकलने वाले अपशिष्ट इस ऑयल में मिलते रहते हैं और इसकी क्वॉलिटी कम होने लगती है. इंजन ऑयल बदलने के लिए आपको अपनी बाइक और वैदर कंडिशन के हिसाब से सही इंजन ऑयल चुनना बेहद ही जरूरी होता है. 

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कैसे चुनें बेहतर इंजन ऑयल:

अब तक आप समझ गए होंगे कि इंजन ऑयल किसी भी वाहन के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है. अब सही इंजन ऑयल चुनते समय आपको कुछ ख़ास बातों पर ध्यान देना जरूरी है. यह जानने के लिए कि आपकी बाइक के लिए किस प्रकार का इंजन ऑयल उपयुक्त है, आपको ऑयल के स्पेसिफिकेशन, ग्रेड, एडिटिव्स, विस्कोसिटी (चिपचिपाहट) आदि को ठीक ढंग से समझना बेहद जरूरी होता है. लेकिन इससे पहले जान लें कि इंजन ऑयल कितने तरह के होते हैं?

इंजन ऑयल के प्रकार:

जब आपक बाइक इंजन खरीदने जाते हैं तो डीलर आपको कई अलग-अलग तरह के ऑयल दिखा सकता है. जिससे संभव है कि आप भ्रमित हो जाएं. इसके लिए आपको अपनी जरूर और ऑयल के प्रकार को समझना जरूरी है. जान लें कि इंजन ऑयल तीन प्रकार के होते हैं - मिनरल ऑयल, सेमी-सिंथेटिक ऑयल और पूरी तरह से सिंथेटिक ऑयल. आइए जानें इनमें क्या अंतर है-

मिनरल ऑयल: 

मिनरल ऑयल नई बाइक या छोटे इंजन साइज़/क्षमता वाली बाइक जैसे कि 80 सीसी से लेकर 125 सीसी तक के इंजन क्षमता वाले बाइक्स या स्कूटर के लिए बेहतर माने जाते हैं. हालाँकि इन ऑयल की उम्र बहुत ज़्यादा नहीं होती है और आपको सिंथेटिक ऑयल की तुलना में इन्हें ज़्यादा बार बदलने की ज़रूरत होती है. लेकिन मिनरल ऑयल कम मैकेनिकल आउटपुट पर चलने वाले इंजन को बेहतरीन सुरक्षा और चिकनाई प्रदान करते हैं. अगर आप अपने इंजन के लिए मिनरल ऑयल चुनते हैं, तो तेज़ रफ़्तार से राइडिंग करने से बचें, क्योंकि इससे आपके इंजन के पुर्जों का घिसाव बढ़ जाएगा. हालांकि इनकी कीमत कम होती है.
 
सेमी-सिंथेटिक ऑयल:  

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सेमी-सिंथेटिक ऑयल में प्राकृतिक कच्चे तेल को रासायनिक रूप से सिंथेटिक ऑयल के साथ मिलाया जाता है. ये तेल आमतौर पर मिनरल ऑयल की तुलना में अधिक उपयोगी होते हैं और भारत में अधिकांश मोटरसाइकिलों के इंजन के हिसाब से फिट माने जाते हैं. इन तेलों का सबसे अच्छी बात ये है कि, ये स्पोर्टी बाइकिंग को भी सपोर्ट करते हैं. आम तौर पर इनका इस्तेमाल 125 सीसी से बड़ी मोटरसाइकिलें जैसे कि 150 सीसी या 180 सीसी के इंजन वाले बाइक्स में किया जाता है.

फुली सिंथेटिक ऑयल:

पूरी तरह से सिंथेटिक ऑयल का ब ये तेल पूरी तरह से लैब (प्रयोगशालाओं) में बनाए जाते हैं. हालाँकि, सिंथेटिक तेलों में खनिज तेल को एडिटिव्स के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. अपने हाई ल्युब्रिकेंट और ट्रेंप्रेचर रेजिस्टेंस के चलते ये ऑयल एक्सट्रीम कंडिशन में भी बेहतर परफॉर्म करते हैं. हालांकि इनकी कीमत मिनरल और सेमी-सिंथेटिक की तुलना में काफी उंची होती है लेकिन इनकी लाइफ भी ज्यादा होती है. ये ऑयल लंबे समय तक चलते हैं और मोटरसाइकिल इंजन के लिए बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं.

Engine Oil Grading

क्या होती है ग्रेडिंग:

इंजन ऑयल के प्रकार के अलावा आपको यह भी जानना होगा कि आपको अपनी बाइक के इंजन के लिए किस ग्रेड का ऑयल चुनना है. इंजन ऑयल के बॉक्स पर आप कुछ संख्या और अक्षर देखते होंगे. जिन्हें 10W, 5W इत्यादि के साथ दर्शााया जाता है. ये नंबर्स और लेटर ही ऑयल के ग्रेड को बताते हैं, आइये जानें कैसे काम करता है ग्रेडिंग सिस्टम- 

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इंजन ऑयल के बॉक्स पर दिखाए जाने वाले अक्षर ‘W’ का अर्थ है ‘विंटर’, और ‘W’ से पहले की संख्या विस्कोसिटी (चिपचिपाहट) इंडेक्स को दर्शाती है. इसलिए, संख्या जितनी कम होगी, इंजन के लिए तेल उतना ही बेहतर होगा. ऐसी बाइक्स जिन्हें कूल स्टार्ट की आवश्यकता होती है या जिन्हें मुख्य रूप से कम तापमान वाले क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है. विस्कोसिटी इंजन ऑयल की मोटाई और चिपचिपाहट को दर्शाता है. चिपचिपाहट जितनी कम होगी, इंजन के अंदर यह उतनी ही तेज़ी से बहेगा.

ऊपर बताए गए नंबर और कैरेक्टर के अलावा, आपको इसके बगल में एक और नंबर भी मिलेगा, जैसे ‘10W40’. इसको ऐसे समझें कि ‘W’ के बाद की संख्या यह दर्शाती है कि तेल अपने गुणों को कितनी अच्छी तरह से झेल सकता है या बनाए रख सकता है. ‘W’ के बाद की संख्या जितनी अधिक होगी, तेल के उच्च तापमान पर स्थिर रहने की क्षमता उतनी ही बेहतर होगी. यानी ऑयल उतना ही ज्यादा गर्मी झेलने में सक्षम होगा. उपर दिखाए गए कैरेक्टर के अनुसार ये ऑयल अधिकतम 40 डिग्री तापमान वाले इलाकों के लिए बेहतर होगा.

एडिटिव्स को समझें:

आजकल, इंजन ऑयल निर्माता अपने तेलों में एडिटिव्स डालते हैं. एडिटिव्स का मुख्य कार्य मलबे को साफ करना, अम्लता को बेअसर करना और जंग को रोकना है. एडिटिव्स कार्बन फॉर्मेशन को भी साफ कर सकते हैं और इंजन को ठंडा रखते हैं. जैसा कि हमने आपको बताया कि आजकल के ऑयल में ये मिक्स होकर आता है. लेकिन इस बात की जांच कर लें कि आप जो ऑयल चुन रहे हैं उसमें 'एडिटिव्स' मिक्स है या नहीं. यदि नहीं है तो इसे आप अलग से भी खरीद सकते हैं. ये इंजन की सफाई के लिए भी बेहद ही उपयोगी साबित होता है.

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जैसी राइडिंग वैसा ऑयल...

अब तक आपने अपनी बाइक के इंजन के हिसाब से ऑयल को चुनना समझा. अब आप ये भी जान लीजिए कि आपकी डेली राइड किस तरह से है उसके हिसाब से भी ऑयल का चुनाव करना जरूरी है. 

यदि आप अपनी बाइक का उपयोग डेली कम्यूटर (ऑफिस, शॉपिंग, सिटी राइड) इत्यादि के लिए करते हैं, तो मिनरल ऑयल उपयुक्त होगा. हालांकि यदि आप चाहते हैं कि आपको बार-बार कम समय अंतराल में ऑयल बदलना न पड़े तो आप सेमी-सिंथेटिक ऑयल चुन सकते हैं. लेकिन, यदि आप लंबी सवारी पसंद करते हैं या अक्सर एक्सट्रीम कंडिशन में बाइक चलाते हैं, तो फुली सिंथेटिक ऑयल चुनना सबसे अच्छा निर्णय हो सकता है. फुली सिंथेटिक ऑयल की लो विस्कोसिटी इसे टफ टेर्रन और खराब रोड कंडिशन में बेहतर परफॉर्म करने में मदद करती है.

 

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