अमेरिका ने कतर एयरबेस से चुपचाप हटाए सैन्य विमान, ईरान से हमले की आशंका के चलते लिया फैसला

पूरे मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना हाई अलर्ट पर है, और सैन्य परिवारों को संभावित ईरानी जवाबी कार्रवाई के खिलाफ एहतियात के तौर पर स्वेच्छा से ठिकानों को छोड़ने का विकल्प दिया गया है. मध्य-पूर्व में वर्तमान में लगभग 40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं.

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सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि एयरबेस पर पहले काफी सैन्य विमान थे जो दूसरी तस्वीर से गायब दिख रहे हैं  (फोटो: एएफपी) सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि एयरबेस पर पहले काफी सैन्य विमान थे जो दूसरी तस्वीर से गायब दिख रहे हैं (फोटो: एएफपी)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जून 2025,
  • अपडेटेड 9:18 AM IST

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने चुपचाप कतर स्थित अपने प्रमुख सैन्य अड्डे से विमान हटाने शुरू कर दिए हैं. सैटेलाइट तस्वीरों और फ्लाइट डेटा से खुलासा हुआ है कि अमेरिका ने अपने रणनीतिक सैन्य संसाधनों को संभावित ईरानी हमलों से बचाने के लिए यह कदम उठाया है.

5 जून से 19 जून के बीच Planet Labs PBC द्वारा जारी सैटेलाइट तस्वीरों में देखा गया कि अमेरिका का सबसे बड़ा मध्य-पूर्वी सैन्य अड्डा Al Udeid Air Base लगभग खाली हो गया है. 5 जून को यहां लगभग 40 विमान खड़े थे, जिनमें C-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट और खुफिया जेट्स शामिल थे, वहीं 19 जून तक केवल तीन ही यहां खड़े दिखे, बांकी को अमेरिका ने हटा लिया है.

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सतर्कता के संकेत
कतर स्थित अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को जानकारी दी कि अब से एयरबेस में सीमित प्रवेश रहेगा और स्टाफ को सतर्क रहने को कहा गया है. एक ओर जहां एयरबेस खाली हो रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका से 15-18 जून के बीच 27 फ्यूलिंग विमानों ने यूरोप के लिए उड़ान भरी, जिनमें KC-46A पेगासस और KC-135 शामिल हैं. इनमें से 25 विमान अभी भी यूरोप में हैं, जिससे लंबे ऑपरेशनों की तैयारी का संकेत मिलता है.

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ईरानी पलटवार का डर, सैनिक अलर्ट पर
पूरे मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना हाई अलर्ट पर है, और सैन्य परिवारों को संभावित ईरानी जवाबी कार्रवाई के खिलाफ एहतियात के तौर पर स्वेच्छा से ठिकानों को छोड़ने का विकल्प दिया गया है. मध्य-पूर्व में वर्तमान में लगभग 40,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, जो सामान्य 30,000 से कहीं ज्यादा हैं. 

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अक्टूबर में यह संख्या 43,000 तक पहुंची थी जब हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में हमले किए थे. पेंटागन ने इस बार भी तैनाती पर चुप्पी बनाए रखी है लेकिन कहा है कि सैनिक किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं.

डोनाल्ड ट्रंप जल्द लेंगे फैसला
व्हाइट हाउस ने पुष्टि की है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आगामी दो हफ्तों में यह फैसला करेंगे कि अमेरिका इजरायल के साथ मिलकर ईरान के खिलाफ सैन्य अभियान में शामिल होगा या नहीं. ट्रंप का मानना है कि कूटनीति की संभावनाएं अभी भी बाकी हैं. 
ट्रंप को ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर इजरायल और अमेरिका की मांगों को मानने के लिए कूटनीति की अभी भी एक खिड़की दिखाई दे रही है.

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ईरान को लेकर सख्त हुआ इजरायल
इजरायल के रक्षा मंत्री इसराइल कात्ज़ ने कहा, “खामेनेई जैसे तानाशाह का अस्तित्व अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.” यह बयान तब आया जब ईरानी मिसाइलों ने एक अस्पताल को निशाना बनाया, जिसमें 40 से अधिक लोग घायल हुए.
 

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