घना कोहरा, रेन अलर्ट... आखिर दिल्ली-NCR का मौसम इतना तूफानी क्यों है? मौसम विभाग क्या कह रहा

दिल्ली-NCR में आज घना कोहरा छाया था. विजिबिलिटी 50-200 मीटर तक गिर गई. IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. तापमान 9-20°C, कोई बारिश नहीं. 1 जनवरी को हल्की बारिश संभव. कम हवा और ज्यादा नमी से कोहरा घना हो रहा है. फ्लाइट्स-ट्रेनें प्रभावित हो रही है. लोगों से सावधानी बरतने को कहा गया है.

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दिल्ली के मयूर विहार में रात में कुछ ऐसा नजारा था. (Photo: PTI) दिल्ली के मयूर विहार में रात में कुछ ऐसा नजारा था. (Photo: PTI)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST

इस समय दिल्ली-NCR में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है. विजिबिलिटी कई जगहों पर 100-500 मीटर तक गिर जाती है, कभी-कभी 50 मीटर या उससे भी कम. लोग इसे तूफानी मौसम कहते हैं, लेकिन यह असल में सर्दी का सामान्य रेडिएशन फॉग (विकिरण कोहरा) है. बारिश का कोई बड़ा अलर्ट नहीं है, लेकिन 1 जनवरी के आसपास हल्की बारिश हो सकती है.

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आज और आने वाले दिनों का मौसम (IMD और मौसम डेटा से)

  • आज (29 दिसंबर): न्यूनतम तापमान लगभग 9°C (48°F), अधिकतम 20°C (68°F). ह्यूमेडिटी 90-100%. हवा की स्पीड बहुत कम (5-10 किमी/घंटा). सुबह घना कोहरा, विजिबिलिटी कम.
  • 30-31 दिसंबर: तापमान 8-20°C के बीच. मध्यम से घना कोहरा सुबह में.
  • 1 जनवरी 2026: हल्की बारिश संभव (लगभग 2 मिमी), तापमान थोड़ा बढ़ेगा (11-19°C).

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घने कोहरे के लिए IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. 28-29 दिसंबर को कई जगहों पर विजिबिलिटी 100 मीटर तक दर्ज की गई.

कोहरा इतना घना क्यों बन रहा है? वैज्ञानिक कारण और आंकड़े

दिल्ली में सर्दियों का कोहरा मुख्य रूप से रेडिएशन फॉग होता है. यह कैसे बनता है समझिए...

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विकिरण ठंडक (Infrared Cooling): साफ रातों में जमीन तेजी से ठंडी हो जाती है क्योंकि सूर्य की गर्मी नहीं मिलती. जमीन से निकलने वाली इंफ्रारेड किरणें अंतरिक्ष में चली जाती हैं. इससे हवा की निचली परत ठंडी हो जाती है. जब हवा का तापमान ड्यू पॉइंट (ओस बिंदु) तक पहुंच जाता है, तो हवा में मौजूद नमी छोटे-छोटे पानी के कणों में बदल जाती है – यही कोहरा है. दिसंबर में दिल्ली की रातें लंबी होती हैं (12-14 घंटे), जिससे ठंडक ज्यादा होती है.

तापमान उलटाव (Temperature Inversion): ऊपर की हवा ठंडी और नीचे की गर्म होती है, लेकिन सर्दी में उलटा हो जाता है – नीचे ठंडी, ऊपर गर्म. इससे ठंडी हवा और नमी नीचे फंस जाती है. कोहरा ऊपर नहीं उठ पाता. दिल्ली में इनवर्शन लेयर अक्सर 200-500 मीटर की ऊंचाई पर बनती है, जो कोहरे को ट्रैप कर लेती है.

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कम हवा की स्पीड: हवा नहीं चलती (कम से कम 5 किमी/घंटा), तो कोहरा और प्रदूषण एक जगह रुक जाता है. दिसंबर 2025 में हवा की स्पीड ज्यादातर 5-12 किमी/घंटा रही, जो कोहरे के लिए परफेक्ट है.

ज्यादा ह्यूमेडिटी और प्रदूषण: यमुना नदी और हिमालय के पास होने से नमी ज्यादा. प्रदूषण के कण (PM2.5, PM10) कोहरे के साथ मिलकर स्मॉग बनाते हैं, जो विजिबिलिटी और कम कर देता है. आर्द्रता 90-100% रहने से कोहरे के कण बड़े हो जाते हैं. प्रदूषण से कोहरा 20-30% ज्यादा घना हो जाता है.

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भूगोल का असर: दिल्ली इंडो-गैंजेटिक मैदान में है. हिमालय हवा को रोकता है, ठंडी हवाएं फंस जाती हैं.

विजिबिलिटी के प्रकार (IMD के अनुसार)

  • बहुत घना कोहरा: 0-50 मीटर
  • घना: 51-200 मीटर
  • मध्यम: 201-500 मीटर
  • हल्का: 501-1000 मीटर
  • दिसंबर 2025 में कई दिन विजिबिलिटी 100 मीटर से कम रही.

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लोगों पर असर

फ्लाइट्स और ट्रेनें देरी से चल रही हैं. सड़क दुर्घटनाएं बढ़ने का खतरा है. सांस की बीमारियां बढ़ सकती हैं क्योंकि AQI बहुत खराब लेवल पर है. यह मौसम हर साल दिसंबर-जनवरी में आता है. जनवरी मध्य तक धीरे-धीरे कम होगा. IMD की अपडेट चेक करते रहें और सुरक्षित रहें.

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