IIT ग्रेजुएट का दिमाग, MBA डायरेक्टर्स की टीम और फर्जी कंपनियों का 1000 करोड़ का साइबर फ्रॉड! राजस्थान पुलिस का बड़ा खुलासा

राजस्थान पुलिस ने 400 करोड़ की साइबर ठगी का खुलासा किया है, जिसकी अगुवाई IIT स्नातक शशिकांत कर रहा था. फर्जी गेमिंग और इन्वेस्टमेंट कंपनियों के जरिए देशभर में हजारों लोगों से ठगी की गई. तीन गिरफ्तारियां हुई हैं और जांच में फ्रॉड का आंकड़ा 1000 करोड़ तक पहुंचने की आशंका है.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

सुरेश फौजदार

  • भरतपुर,
  • 09 मई 2025,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST

राजस्थान की भरतपुर रेंज पुलिस ने देश का अब तक का सबसे बड़ा साइबर फ्रॉड रैकेट उजागर किया है, जिसकी जड़ें दिल्ली, बेंगलुरु, प्रयागराज और बलिया तक फैली हैं. इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड प्रयागराज निवासी IIT स्नातक शशिकांत सिंह है, जो फिलहाल फरार है और जिसकी तलाश जारी है.

भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि इस रैकेट ने फर्जी गेमिंग ऐप्स और इन्वेस्टमेंट कंपनियों के ज़रिए 400 करोड़ से अधिक की ठगी को अंजाम दिया है, जो जांच में बढ़कर 1000 करोड़ रुपए तक पहुंचने की संभावना है. गिरफ्तार आरोपी रविंद्र सिंह, दिनेश सिंह और दिनेश की पत्नी कुमकुम सभी पढ़े-लिखे, MBA और इंजीनियर हैं.

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मास्टरमाइंड शशिकांत ने इनके नाम पर फर्जी कंपनियां खोलीं और उन्हें मासिक वेतन देकर डायरेक्टर बनाया. पीड़ितों को गेमिंग और शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट के नाम पर फंसाया गया. इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब धौलपुर निवासी हरिसिंह ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करवाई. उनकी 35 लाख की रकम चार कंपनियों के खातों में ट्रांसफर की गई थी.

जांच में पाया गया कि इन खातों में पिछले 4 महीने में 400 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ है. पुलिस ने रुकनेक इंटरप्राइजेज सहित चार कंपनियों के बैंक अकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं, जिनमें 4 करोड़ रुपए की राशि जब्त की गई है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस फिनो पेमेंट बैंक के जरिए यह ठगी हो रही थी, उसके खिलाफ पहले से ही 1930 पोर्टल पर 4000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज थीं.

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