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जिस कोवैक्सीन पर भारत में उठ रहे थे सवाल, उसे अमेरिका ने बताया असरदार

सुमित कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST
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भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोरोना वायरस की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के प्रभावी होने को लेकर तमाम सवाल खड़े किए गए थे लेकिन अब अमेरिका के महामारी विशेषज्ञ ने इसे असरदार बताया है. व्हाइट हाउस के मेडिकल एडवाइज़र एंथॉनी फाउची ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोवैक्सीन B.1.617 वेरिएंट यानी भारत के डबल म्यूटेंट वेरिएंट को बेअसर करने में कारगर पाई गई है.

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फाउची ने कहा, 'कोरोना के मामले रोजाना तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन भारत में कोवैक्सीन लेने वाले लोगों का एक बिल्कुल हालिया डेटा कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच राहत देने वाला है. दरअसल, कोवैक्सीन वायरस के 617 वेरिएंट को बेअसर करने में कारगर पाई गई है.'

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डॉ. फाउची ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा, 'वास्तविक कठिनाई के बावजूद हम भारत में जो देख पा रहे हैं, इस महामारी में वैक्सीनेशन एक बेहद महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकता है.'

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बता दें कि भारत बायोटेक ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सहयोग से इस वैक्सीन को डेवलप किया है. 3 जनवरी को ही इस वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ के लिए मंजूरी मिली थी, जिसका क्लीनिकल ट्रायल अभी भी जारी है.

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ICMR के मुताबिक, ट्रायल रिजल्ट में वैक्सीन का एफिकेसी रेट 78 प्रतिशत दर्ज किया गया था. B.1.617 वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और दिल्ली में देखने को मिले हैं. इसके तीन नए स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन्स हैं. कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक और जानलेवा बनाने के लिए इसी वेरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है.

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कोवैक्सीन डेड वायरस का इस्तेमाल करके कोरोना वायरस के के खिलाफ इम्यून सिस्टम को एंटीबॉडीज बनाना सिखाती है. कोवैक्सीन लगने के बाद इम्यून सेल्स डेड वायरस की पहचान कर लेते हैं और वायरस के खिलाफ इम्यून को एंटीबॉडीज जेनरेट करने के लिए बढ़ावा देते हैं.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को कहा था कि भारत में कोरोना वायरस से दहशत के लिए B.1.617 वेरिएंट ही जिम्मेदार है. ये वेरिएंट अब तक दर्जनों देशों में पाया जा चुका है.

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यूएन हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, कोविड-19 का B.1.617 वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था. मंगलवार को GISAID ओपन-एक्सेस डेटाबेस पर अपलोड किए गए 17 देशों के डेटा में 1,200 से अधिक सीक्वेंस में ये वेरिएंट पाया गया है.

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WHO ने अपने महामारी पर अपने वीकली एपिडेमायोलॉजिकल अपडेट में बताया कि इनमें से सबसे ज्यादा सीक्वेंसिस भारत, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और सिंगापुर से अपलोड किए गए थे. WHO ने B.1.617 को हाल ही में 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में लिस्टेड किया है. भारत में कोरोना के रोजाना साढ़े तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और मौत का आंकड़ा भी निरंतर बढ़ रहा है.

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