दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और कार्यकर्ता शरजील इमाम समेत अन्य की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं.
जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की पीठ ने उमर खालिद और शरजील इमाम के अलावा मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अथर खान, मीरान हैदर, अब्दुल खालिद सैफी और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं.
अदालत में उमर खालिद और अन्य की पैरवी कर हे वकील ने कहा कि वह हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. बता दें कि उमर खालिद और अन्य पर साजिश रचने का आरोप है, जिसके बाद फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे भड़के. दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य पर दिल्ली दंगों का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया था. इन सभी पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सुनवाई के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह पहले ही चार से अधिक साल कस्टडी में रह चुके हैं. हालांकि, प्रॉसिक्यूशन का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इन दंगों की सुनियोजित साजिश रची गई थी. मेहता ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत को बदनाम करने की साजिश रची गई थी. उन्होंने कहा कि अगर आप राष्ट्र के खिलाफ कुछ करोगे तो बेहतर है कि बरी होने तक जेल में ही रहो.
50 से अधिक लोगों की हिंसा में हुई थी मौत
फरवरी 2020 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में भीषण दंगे हुए थे. उन दौरान हुई हिंसा में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा सैकड़ों लोग भी दंगों में हुई हिंसा में घायल हुए थे. पुलिस के मुताबिक, इन दंगों में लोगों की जान जाने के साथ साथ करोड़ों रुपये की संपत्ति का भी नुकसान हुआ था.
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