जिस मकान के लिए आकाश ने चलाया बल्ला, उसे शिवराज सरकार ने दिया था ढहाने का आदेश

मध्यप्रदेश के इंदौर में जर्जर मकान को ढहाने के विवाद में नया मोड़ आया है. जिस मकान को ढहाने गई नगर निगम की टीम पर बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बैट से हमला किया था, उसे ढहाने का आदेश शिवराज सिंह चौहान की सरकार में जारी किया गया था.

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भोपाल से भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय (फोटो: ANI) भोपाल से भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय (फोटो: ANI)

रवीश पाल सिंह

  • इंदौर,
  • 27 जून 2019,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और भोपाल से विधायक आकाश विजयवर्गीय की ‘बल्लेबाजी’ की चर्चा अब पूरे देश में हो रही है. जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे निगम अधिकारी की आकाश विजयवर्गीय ने बल्ले से पिटाई की थी, जिसपर काफी बवाल हुआ था. अब इस मामले में नया मोड़ आया है. जिस मकान को लेकर विवाद हुआ था, उसको ढहाने का आदेश पिछले साल दिया गया था. वो भी तब जब राज्य में शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी.

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बता दें कि आकाश इस वक्त पुलिस की हिरासत में हैं और 14 दिन तक जेल में ही रहेंगे.

इंदौर नगर निगम ने पिछले साल ऐसे मकानों को लेकर नोटिस जारी किया था, जो काफी पुराने हैं. और तेज बारिश के दौरान इस तरह के मकान गिर भी सकते थे. अब जो नोटिस का कागज सामने आया है, उसमें साफ दिख रहा है कि ये नोटिस 3 अप्रैल, 2018 को जारी किया गया था. यानी जिस वक्त राज्य में भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार थी और राज्य के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ही थे.

इंदौर नगर निगम ने इस मकान के मालिक को नोटिस जारी किया था और चेतावनी भी दी थी. इसी नोटिस के आधार पर बुधवार को नगर निगम के अधिकारी मकान को ढहाने पहुंचे थे. लेकिन वहां पर उनकी झड़प इंदौर-3 से भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय से हो गई. आकाश ने एक क्रिकेट बैट से निगम अधिकारी पर हमला कर दिया, जिसका वीडियो वायरल हुआ.

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बर्खास्त किए गए निगम के अधिकारी

आकाश विजयवर्गीय के मामले में इंदौर नगर निगम ने अपने ही 21 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. ये सभी कर्मचारी उस वीडियो फुटेज में भी दिख रहे हैं. इन पर आरोप है कि इन्होंने उस वक्त उस निगम अधिकारी का समर्थन नहीं किया, जिसे आकाश ने बल्ले से पीटा. इसके अलावा कुछ लोगों को आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों के साथ भी देखा गया था.

पुलिस ने बाद में आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार किया था और अब उन्हें 14 दिनों के लिए जेल में भेज दिया गया है. आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ आईपीसी की धारा 353, 294, 323 506, 147, 148 के तहत मामला दर्ज हुआ है. इस मामले से पहले भी आकाश कई बार अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रह चुके थे. इस मामले में ना सिर्फ आकाश बल्कि उनके अलावा 10 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था.

जब मामला सामने आया था, तब आकाश ने अपनी सफाई में ऐसा बयान दिया कि उस पर भी बवाल कर दिया. आकाश विजयवर्गीय का कहना था कि वो इस तरह से ही भ्रष्टाचार और गुंडई को खत्म करेंगे. उन्होंने कहा, 'आवेदन, निवेदन और फिर दना दन' के तहत हम अब कार्रवाई करेंगे.'

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