किचन गार्डनिंग करनी हो या फिर सब्जियों की खेती... टमाटर की खेती कई किसान करते हैं. टमाटर को आप गमले से लेकर बड़े खेतों तक आसानी से उगा सकते हैं. टमाटर को आप सब्जी, चटनी, जूस और कई स्नैक्स के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं. यही कारण है कि टमाटर की खेती करने वाले किसान अच्छी कमाई कर लेते हैं.
वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनकी शिकायत है कि उनके घर में लगे टमाटर के पौधों की मनमुताबिक ग्रोथ नहीं होती और ना ही उसमें फल आ रहे हैं, आ भी रहे हैं तो फल छोटे हैं या फिर पूरी तरह पकने या बढ़ने से पहले ही गिर जाते हैं. जबकि वे अपने गार्डन का खूब ख्याल रखते हैं, लोग पानी देते हैं और जरूरत पड़ने पर खाद भी डालते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर ऐसे लोग क्या गलतियां कर रहे हैं जिसकी वजह से पौधों की अच्छी ग्रोथ नहीं हो रही है.
क्यों रुक जाती है टमाटर की ग्रोथ?
टमाटर के पौधों से अच्छी ग्रोथ के लिए हवा-पानी और प्रकाश का सही संतुलन बना होना चाहिए. अगर पौधों में दिन की कम से कम 8 घंटे की घूप नहीं लगेगी तब भी पौधों को नुकसान होगा. कुछ लोग पौधों में जरूरत से ज्यादा पानी देते हैं ये भी एक बड़ा कारण है पौधों की ग्रोथ रोकने का. आपको बता दें अधिक पानी देने से जड़ सड़ने लगती है, साथ ही मिट्टी में फंगस या अन्य रोग खतरा भी बढ़ जाता है.
अगर आप गमले में सही मिट्टी का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो भी गमले में लगाए गए पौधों की मनमुताबिक ग्रोथ नहीं होगी, ना ही उसमें फल आएंगे. पौधा लगाने से पहले गमले में भरी जाने वाली मिट्टी साफ-सुथरी और सूखी होनी चाहिए. इस मिट्टी में किसी तरह की नमी भी नहीं होनी चाहिए.
ऐसे बढ़ाएं टमाटर के पौधों की ग्रोथ
टमाटर हो या कोई भी पौधा उसकी ग्रोथ तभी होगी जब हमें उसकी बेसिक जरूरतें पता होंगी. अगर आप गमले में टमाटर का पौधा लगा रहे हैं तो फिर सबसे पहले एक ऐसा गमला लें जिसकी गहराई कम से कम 10-12 इंच हो. इस गमले में साफ, सूखी और भुरभुरी मिट्टी भरें. मिट्टी के साथ रेत और थोड़ी वर्मी कंपोस्ट मिलाएं इससे पौधे को अधिक पोषण मिलेगा. अब इस गमले को ऐसी जगह रखें जहां बराबर सूर्य की रोशनी आती हो. गमले में केवल मिट्टी गीली करने जितना पानी दें, जलभराव से बचें. लगभग 35-40 दिन बार पौधों में फिर से एक मुट्ठी वर्मी कंपोस्ट दें इससे पौधों की ग्रोथ बढ़ जाएगी.
टमाटर उगने से पहले करें ये काम
टमाटर की कुछ किस्में रोपाई के 50-60 दिनों में ही फल देने लगती हैं. जब पौधे मैच्योर हो जाते हैं और उनमें फूल आने लगते हैं तो इनमें कीटों का अटैक भी बढ़ जाता है. फूल आने के समय पौधों में एक बार नीम की पत्तियों से बना ऑर्गेनिक स्प्रे करें इससे कीट लगने की संभावना कम रहेगी. फूल आने के बाद मिट्टी सूखने ना दें और पानी देते रहें. जरूरत पड़ने पर दो चम्मच कोकोपीट खाद भी दें इससे फलों की ग्रोथ भी बढ़ जाएगी.