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सिर्फ 3 बीघे में भिंडी-मिर्च की खेती से इस किसान ने कमा लिए 7 लाख रुपये

राजस्थान के भीलवाड़ा में पहले किसान पारंपरिक खेती करते थे. पिछले दो वर्ष से यहां के किसानों ने सब्जियों की फसल उगाना शुरू किया. ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान श्यामलाल माली ने बताया कि इस बार भिंडी और मिर्च की खेती कर कुल 7 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है.

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Vegetable farming
Vegetable farming

किसान अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सब्जियों की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. सबसे खास बात है कि इससे उन्हें रोजाना आमदनी भी होती है. इससे किसान काफी खुश हैं. भीलवाड़ा ज़िले के बीगोद कस्बे  प्रगतिशील किसान श्यामलाल माली इस बार एक बीघा में भिंडी की खेती कर 3 लाख रुपये तो 2 बीघे में मिर्च की खेती कर 4 लाख का मुनाफा कमाया.

भीलवाड़ा में सब्जियों की खेती से बंपर मुनाफा कमा रहे हैं किसान

भीलवाड़ा जिले के बीगोद कस्बे के नजदीक गोविंदपुरा गांव में पहले किसान पारंपरिक खेती करते थे. पिछले दो वर्ष से यहां के किसानों ने सब्जियों की फसल उगाना शुरू किया. ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान श्यामलाल माली ने बताया कि इस बार एक बीघा खेत भिंडी की फसल की पेदावार से तीन लाख रुपए की आमदनी हुई. इसके अलावा दो बीघा खेत में मिर्ची की फसल से कुल 4 लाख रुपये मुनाफा कमाया है.

सब्जी की खेती पर मिला अनुदान

श्यामलाल माली ने बताया उद्यान विभाग द्वारा आर.डब्लू.एस.एल. आइ.पी योजना के तहत अतिरिक्त 15 प्रतिशत तक अनुदान जोड़कर  ड्रिप सिंचाई, फव्वारा सिंचाई संयंत्र एवं मिनी स्प्रिंकलर से फसल को पानी देने के लिए उन्हें 90 फीसदी सब्सिडी दिया गया. इसके अलावा एचडीपी वर्मिबेड, मल्चिंग शीट, लो टनल पर भी 75 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया गया.

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इस क्षेत्र के किसानों को हुआ फायदा

योजना के तहत क्षेत्र के जोर का खेड़ा, नंदराय, गुर्जर का खेडा, मरडा की झुपड़िया, किशनगढ़, बड़ा खेड़ा, गंधेरी, पण्डेरी, हस्तिनापुर, भेरूखेरा, बरदा की झुपड़िया, कंकरोलिया घाटी, हस्तरा, चोहली, रामनगर, गोविन्दपुरा, देवपुरा, मोई, जालीया, धुलखेड़ा तथा प्रतापपुरा सहित कुल 22 गांवों के किसानो ने इस अनुदान का का लाभ उठाया.

(भीलवाड़ा से प्रमोद तिवारी का रिपोर्ट)

 

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