
फलों के राजा का नाम तो आम है, लेकिन ये लोगों के लिए बहुत खास है. इस फल को हर कोई बहुत शौक से खाता है, अब वह चाहे बच्चा हो, बूढ़ा हो या जवान हो... सबसे बड़ी बात यह है कि आम चाहे कोई भी हो और कहीं का भी हो, मीठे-मीठे आम सबको खूब भाते हैं. आम के स्वाद पर तो न जाने कितने शायरों ने शायरी भी लिख दी है, एक ऐसा ही शेर आम पर लिखा गया है कि 'यह आम की खुशनसीबी है वरना लंगड़ों पर मरता कौन है'.
800 से 1200 तरीके के अलग-अलग आम

लोगों को आम इतना पसंद है, इसको देखते हुए दिल्ली में बीते 33 सालों से मैगों फेस्टिवल यानी आम महोत्सव का आयोजन हो रहा है. इस फेस्टिवल की खास बात यह है कि यहां पर एक दो तरह के नहीं बल्कि 800 से 1200 तरीके के अलग-अलग आम लाए गए हैं. कुछ आम ऐसे हैं जिन्हें क्रॉस ब्रीड करके बनाया गया है तो कुछ ऐसे आम हैं, जिनके आकार को आप सोच भी नहीं सकते. अब बाजार में तो चार से पांच तरह के आम ने ही लोगों के दिलों पर राज कर रखा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम की 3000 से ज्यादा प्रजातियां होती है, इन्हीं में से कुछ प्रजातियां इस फेस्टिवल का भी हिस्सा बनी हुई हैं.

दिल्ली सरकार ने इस फेस्टिवल का आयोजन किया है, जो तीन दिन चलने वाला है,7 जुलाई को इसका आखिरी दिन होगा. इस फेस्टिवल में देशभर के अलग-अलग किसानों ने हिस्सा लिया. अलग-अलग राज्यों के आम यहां मौजूद हैं, अब चाहे लखनऊ के मलिहाबाद का दशहरी हो, जिसको गीआई टैग भी मिल गया है या पश्चिम बंगाल का हिमसागर और मालदा तो वहीं उत्तर प्रदेश का लंगड़ा और बिहार का बंबइया आम लोगों को खूब पसंद आ रहा है.
सबसे बड़ी बात ये है कि इस आम महोत्सव के जरिए छोटे बागवानी करने वाले किसानों को भी काफी फायदा हो रहा है. साथ ही गी टैग मिलने से दशहरे आम आज सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लोगों को भारतीय आम का परिचय दे रहा है.
आम के अनोखे नाम

यह तो हो गई अलग-अलग प्रजातियां , चलिए आपको कुछ अनोखे नाम के आम के बारे में भी बताते हैं, इस फेस्टिवल में कहीं अंगूरी आम, देसी राजा तो कहीं मल्लिका लोगों के दिलों पर राज करती नजर आई. लेकिन इन सबके बीच एक आम जिसने सुर्खियां बटोर ली उसका नाम है मोदी मैंगो. इस नाम को रखने की वजह बताते हुए लखनऊ से आए दुकानदार कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 10 सालों में देश को ऊंचाइयों पर पहुंचा है इसलिए उन्होंने भी अपने सबसे बड़े आम का नाम मोदी मैंगो रख दिया.
अंगूर से पपीते के आकार तक के आम

इस फेस्टिवल की खास बात यह है कि यहां पर अंगूर के आकार से लेकर पपीते के आकार के भी आम मौजूद हैं, कुछ आम दिखने में करेले जैसे हैं तो कुछ हम दिखने में शरीफा जैसे नजर आते हैं. सब के आकार बहुत अलग हैं, सबका स्वाद भी काफी अलग है. सबसे बड़ी बात दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भारत से सप्लाई भी किए जाते हैं. मैंगो फेस्टिवल आए लोगों को भी यहां काफी मजा आ रहा है. लोग बताते हैं कि इस तरह के त्यौहार में शामिल होकर न सिर्फ बचपन की यादें ताजा की जाती है बल्कि ये एक अच्छा जरिया है आने वाली पीढ़ी को आम की खुशबू और उसके स्वाद से रूबरू करवाने का, साथ ही इसके जरिए वो भी अलग अलग आमों को जान सकते है, इसको खरीद सकते हैं.
विराट कोहली से योगी आदित्यनाथ के नाम पर आम
मैंगो फेस्टिवल में एक ओर जहां अलग-अलग तरह के आमों का एग्जीबिशन लगा हुआ है, वहीं इस फेस्टिवल में आप आम की खरीदारी भी कर सकते हैं जहां आपको विराट कोहली के नाम का तो वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम का भी आम मिल जाएगा. इस फेस्टिवल में आम खरीदने आम खाने और आम को देखने का लुत्फ उठा सकते हैं.