जब रूस और यूक्रेन युद्ध की शुरुआत हुई थी, तब इस बात का संशय था कि युक्रेन कब तक सुपरपॉवर के आगे टिक सकता है. इस बात में बहुत भड़ी भूमिका पश्चिमी देशों की भी रही कि उन्होंने हथिया मुहैय्या कराए और यूक्रेन के हाथों को मजबूत किया और आज भी ये सप्लाई निर्बाध्य जारी है. लेकिन इसके अलावा एक और बहुत बड़ी बात रही, वो है यूक्रेन के सैनिकों का हौंसला. गौरतलब है कि, रूस पिछले 47 दिनों से लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है, शहर-शहर तहस नहस कर दिए हैं, लोगों को अपने घरों आशियानों को छोड़ कर जाना पड़ा है.
When the Russia-Ukraine war started, there was doubt as to how long Ukraine could survive the superpower. The western countries also played a big role in this matter that they provided arms and strengthened the hands of Ukraine and even today this supply continues uninterrupted.