रूस को रोकने के लिए नेटो चीफ ने एक योजना बनाई थी. इस योजना के तहत यूरोप के देशों को अपने पैसे से अमेरिकी हथियार खरीदकर यूक्रेन को देने थे. यूक्रेन इन हथियारों का उपयोग रूस को हराने के लिए करता. लेकिन यह योजना दो दिन में ही विफल होती दिखी. इंग्लैंड ने अमेरिका से हथियार खरीदकर यूक्रेन को देने की योजना में शामिल होने से मना कर दिया. फ्रांस ने भी अमेरिकी हथियारों की खरीद के समर्थन से खुद को अलग कर लिया.