अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में बुधवार को व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी की घटना में संदिग्ध की पहचान अफगानी नागरिक के तौर पर की गई है. इस घटना में नेशनल गार्ड के दो मेंबर्स को गंभीर चोटें आई थीं. लेकिन अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इन आरोपों पर ट्रंप सरकार को जवाब दिया है.
तालिबान सरकार ने व्हाइट हाउस के पास हुए हमले में किसी भी तरह से अफगानिस्तान की कोई भूमिका नहीं है. अफगानिस्तान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि जिस संदिग्ध को पकड़ा गया है, उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ट्रेनिंग दी थी.
अफगानिस्तान सरकार ने कहा कि हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि अमेरिकी हमलावर का अफगानिस्तान से कोई लिंक नहीं है. सबूतों से पता चलता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने हमलावर को ट्रेनिंग दी थी. हमलावर इस्लामाबाद होते हुए अमेरिका पहुंचा था. इस घटना से किसी भी तरह से अफगानिस्तान को जोड़ना पूरी तरह से गलत है.
बता दें कि अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के मुताबिक, व्हाइट हाउस से कुछ दूरी पर तैनात नेशनल गार्ड पर हमलावर ने घात लगाकर हमला किया था. हमलावर की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल के तौर पर की गई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना को आतंकी हमला बताया है. उन्होंने सुरक्षा के लिए अतिरिक्त 500 सैनिकों को तैनात करने का निर्देश दिया है. ट्रंप ने कहा कि 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका में जिन लोगों ने प्रवेश किया है, उनकी दोबारा जांच होगी.
कौन है हमलावर?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्हाइट हाउस के संदिग्ध हमलावर की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में हुई है, जिसकी उम्र 29 साल है. बताया जा रहा है कि वह अफगानी नागरिक है. वह साल 2021 में अमेरिका में दाखिल हुआ था. शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि उसने अकेले ही इस हमले को अंजाम दिया. हालांकि उसके पहचान संबंधी कुछ पहलुओं की अभी भी पुष्टि की जा रही है.