इसाइयों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक वेटिकन सिटी की प्रसिद्ध सेंट पीटर्स बेसिलिका चर्च में एक बेहद शॉकिंग और अपमानजनक घटना घटी. यह घटना ईसाई धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक कन्फेशन वेदी (Altar of Confession) पर हुई जहां संत पीटर की कब्र स्थित है. यहां पोप मास मनाते हैं और लाखों क्रिश्चयन आते हैं.
घटना 10 अक्तूबर की है. यहां सुबह करीब 9 बजे सेंट पीटर्स बेसिलिका में सैकड़ों पर्यटक और भक्त पवित्र प्रार्थना में हिस्सा ले रहे थे. वेदी के पास ही एक अज्ञात व्यक्ति सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर चढ़ गया. और उसने कन्फेशन ऑल्टर पर ही पेशाब करना शुरू कर दिया. यह सब कई भक्तों की नजरों के सामने हुआ.
वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि वह पेशाब करने के बाद झुककर अपनी पैंट ऊपर खींचता है, और पीछे मुड़कर पर्यटकों को अपनी नंगी पीठ दिखाता है. पूरा दृश्य बेहद घिनौना और अपमानजनक था. लोग स्तब्ध रह गए, कुछ ने वीडियो बनाया तो कुछ ने नजरें फेर लीं.
कई इतालवी न्यूज एजेंसियों के अनुसार सुरक्षा कर्मचारियों और सादे कपड़ों में तैनात पुलिस अधिकारी तुरंत एक्शन में आए और इस व्यक्ति को वहां से बाहर निकाला.
इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हो रहा है.
वेटिकन के अधिकारियों ने तुरंत इस घटना पर कोई बयान जारी नहीं किया है. हालांकि कुछ रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि पोप लियो को इस बारे में सूचित कर दिया गया था और वे इस खबर को जानकर 'स्तब्ध' थे.
यह घटना हाल के वर्षों में बेसिलिका में हुई गड़बड़ियों और अव्यवस्थाओं की सीरीज में नई घटना है. वेटिकन की घटनाओं पर रिपोर्ट करने वाली न्यूज एजेंसी कैथोलिक समाचार एजेंसी के अनुसार फरवरी में एक अन्य व्यक्ति ने उसी ऑल्टर पर अनुष्ठान संबंधी वस्तुओं को क्षतिग्रस्त कर दिया था.
फॉक्स न्यूज के अनुसार वेटिकन के प्रवक्ता माटेओ ब्रूनी ने एक बयान में कहा, "यह एक गंभीर मानसिक विकलांगता वाले व्यक्ति का केस है, जिसे वेटिकन पुलिस ने हिरासत में लिया है और फिर इतालवी अधिकारियों के हवाले कर दिया है."
रिपोर्ट के अनुसार ये सनकी व्यक्ति अपने कपड़े उतारकर ऑल्टर यानी कि उस पवित्र स्थान पर चढ़ गया जहां क्रिश्चयन अनुष्ठान किए जाते हैं.
वेटिनक में चलने वाले नियम कैनन कानून संहिता (कैनन 1211) के अनुसार किसी पवित्र स्थान पर किए गए गंभीर कृत्य जिनसे श्रद्धालुओं को ठेस पहुंचती है, उस स्थान की पवित्रता का उल्लंघन माने जाते हैं. ऐसा होने पर चर्च की पवित्रता को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रायश्चित अनुष्ठान किए जाने तक सार्वजनिक प्रार्थना स्थगित कर दी जाती है.