अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 फरवरी को वॉशिंगटन डीसी में मुलाकात होगी. दोनों नेताओं की खास मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी टैरिफ रेट में बदलाव करने वाला एक आदेश जारी करने जा रहे हैं. व्हाइट हाउस की ओर से यह जानकारी दी गई है. बुधवार शाम व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लेविट ने पत्रकारों को बताया कि, टैरिफ रेट में बदलाव उन देशों पर लागू किए जाएंगे जो अमेरिकी सामान पर आयात शुल्क लगाते हैं.
लेविट ने कहा कि, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात से पहले ही ट्रंप यह फैसला ले लेंगे. टैरिफ में बदलाव की विस्तृत जानकारी भी खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सभी को सामने से आकर देंगे. उन्होंने आगे कहा कि, ट्रंप इस मामले में काफी गंभीर हैं. लेविट ने कहा कि, दूसरे देश ज्यादा टैरिफ लगाकर अमेरिका को लूट रहे हैं. जाहिर है कि मोदी और ट्रंप की होने वाली मुलाकात में टैरिफ का मुद्दा केंद्र में होगा और इस कदम में भारत के लिए भी एक संदेश छिपा हो सकता है.
चुनाव के समय से ही ट्रंप ज्यादा टैरिफ को लेकर भारत पर निशाना साधते हुए आए हैं. उन्होंने भारत को कई बार टैरिफ किंग कहकर संबोधित भी किया है. हालांकि, अमेरिका की नजरों में भारत यह छवि बनाए नहीं रखना चाहता है.
टैरिफ के मामले में ट्रंप की सख्ती को देखते हुए ही भारत ले रहा फैसला!
अंग्रेजी अखबार द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप जिस तरह से टैरिफ के मामले में सख्त हैं, उसको देखते हुए पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात से पहले भारत ने भी कुछ अमेरिकी सामानों पर छूट देने का फैसला किया है. इससे पहले भी ट्रंप के टैरिफ वॉर को रोकने के लिए भारत सरकार ने एक फरवरी को बजट पेश करते कई ऐसे विदेशी सामानों पर आयात शुल्क घटाने का फैसला किया था.
दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में टैरिफ बढ़ाने का एक फैसला लेते हुए चीन और कनाडा को झटका दिया था. ट्रंप चाहते तो भारत को भी इनमें शामिल कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. ट्रंप ने एक मार्च तक के लिए चीनी सामान पर 10 फीसदी आयात शुल्क और कनाडा के सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला किया था.
हालांकि, ट्रंप ने हाल ही में स्टील और एल्युमिनियम को लेकर जो फैसला लिया था, उसका असर भारत पर जरूर पड़ सकता है. ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम के सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. यह नया टैरिफ 12 मार्च से लगाया जाएगा. भारत अमेरिका को भारी मात्रा में स्टील और एल्यूमिनियम निर्यात करता है.
ट्रंप के इस फैसले का असर भारत के निर्यात पर देखने को मिल सकता है. इसी वजह से कहा जा रहा है कि, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की द्विपक्षीय मुलाकात के दौरान इस मामले पर बातचीत हो सकती है.
टैरिफ को लेकर ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में की थी भारत की आलोचना
हाल ही में ट्रंप प्रशासन में आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा था कि, भारत का ज्यादा टैरिफ लगाना आयात में रुकावट पैदा करता है. हैसेट ने कहा था कि, जल्द ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वॉशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे और दोनों नेताओं के बीच इस मामले में बातचीत होगी.
केविन हैसेट ने आगे कहा था कि, जितना आयात शुल्क दूसरे देश अमेरिकी सामानों पर लगाते हैं, उतना ही अब अमेरिका को भी लगाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि, अगर कोई देश अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगाता है तो कम से कम अमेरिका को भी उनके बराबर टैरिफ लगाना चाहिए.
केविन हैसेट ने आगे कहा कि, अमेरिका के अधिकतर व्यापारिक साझेदार ज्यादा टैरिफ लगाते हैं. उन्होंने कहा कि, कनाडा, मेक्सिको और ब्रिटेन जैसे देश अमेरिकी सामानों पर अमेरिका जितना ही टैक्स लगाते हैं तो भारत और ताइवान जैसे देश इनसे भी ज्यादा टैरिफ लगाते हैं.
दूसरी ओर, अमेरिका में चुनाव के समय से ही डोनाल्ड ट्रंप कह रहे थे कि जो देश अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं, वह भी उनके साथ ऐसा ही करेंगे. ट्रंप लगातार चीन और भारत का नाम लेकर यह कहते रहे हैं कि, यह देश अमेरिकी सामान पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं. जबकि अमेरिका इसके बदले में कुछ ऐसा नहीं करता है.