आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में आंतरिक हालात बिगड़ते जा रहे हैं. शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था उसके बाद देर रात प्रधानमंत्री आवास को भी आग के हवाले कर दिया. इस बीच एक वीडियो सामने आया है, जिसमें राष्ट्रपति आवास के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारी को लाठी-डंडों और लात-घूसों से पीट रहे हैं.
श्रीलंकाई न्यूजपेपर 'डेली मिरर' की डिप्टी एडिटर जमीला हुसैन ने वीडियो को ट्वीट कर लिखा, "राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षाबलों द्वारा प्रदर्शनकारियों को पीटते हुए एक वीडियो कैप्चर किया गया है."
इस वीडियो में सुरक्षाकर्मी एक प्रदर्शनकारी की गर्दन को पकड़ते घसीटते हुए दिखाई दे रहे हैं, उसके बाद कुछ और सुरक्षाकर्मी मिलकर उसे लाठी-डंडों से पीटते हैं. वहीं जो कर्मचारी पहले उसकी गर्दन पकड़े हुए था, अब वो उसे लातों से पीट रहा है. इस दौरान आस-पास बहुत से प्रदर्शनकारी और सुरक्षाकर्मी हैं, लेकिन कोई भी उसे बचाने नहीं आ रहा है. हालांकि थोड़ी देर बाद एक व्यक्ति उसे घेरकर बचाता है.
This video captured shows security forces mercilessly beating the protestors yesterday near the President's House in Fort. #SriLanka #SriLankaProtests pic.twitter.com/pZPwxmAsIk
— Jamila Husain (@Jamz5251) July 10, 2022
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन से करोड़ों रुपये कैश मिलने का दावा किया है. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों को नोट गिनते हुए देखा जा सकता है.
श्रीलंकाई न्यूजपेपर 'डेली मिरर' के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन से बरामद रकम सिक्योरिटी यूनिट्स को सौंप दी गई है. वहीं, जांच अधिकारियों ने बताया है किया कि वे तथ्यों की जांच के बाद ही जमीनी स्थिति बता पाएंगे. हजारों प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स तोड़ने के बाद शनिवार को कोलंबो के उच्च सुरक्षा वाले इलाके में दाखिल हो गए. बड़ी संख्या में लोग राष्ट्रपति के आवास में घुस गए और वहां तोड़फोड़ की. इस दौरान बेडरूम से लेकर किचन, बाथरूम सब जगह प्रदर्शनकारियों का कब्जा हो गया. कई लोग राष्ट्रपति आवास के स्विमिंग पूल में नहाते दिखे, तो कुछ बिस्तर और सोफ़े पर आराम फरमाते दिखे. कुछ लोग किचन में खाना खाते हुए देखे गए.
गौरतलब है कि ढाई करोड़ आबादी वाला श्रीलंका अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. देश में विदेशी मुद्रा की कमी है, जिससे ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का आयात नहीं हो पा रहा है. लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं.