
श्रीलंका में जारी राजनीतिक बवाल हर बीतते दिन के साथ और ज्यादा विस्फोटक बनता जा रहा है. जब से राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे राष्ट्रपति भवन से भाग गए हैं, जमीन पर स्थिति और तेजी से बदली है. हाल ही में प्रधानमंत्री बनाए गए रनिल विक्रमसिंघे ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
अब जारी विरोध प्रदर्शन के बीच एक सवाल सभी के मन में है- आखिर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे कहां गए? ऐसी कौन सी जगह है जहां से वे भाग लिए? इन सवालों का जवाब आजतक को मिल गया है. राष्ट्रपति भवन में एक खुफिया बंकर मिला है, ऐसा कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति ने उस बंकर के सहारे ही अपनी जान बचाई और वे राष्ट्रपति भवन छोड़ चले गए.
#SriLanka Crisis | India Today has found a high-security bunker at Sri Lanka's presidential palace. Watch for more!#ReporterDiary #GotabayaRajapaksa | @PramodMadhav6 pic.twitter.com/VYQoNN1xtM
— IndiaToday (@IndiaToday) July 10, 2022
ये खुफिया बंकर बड़ी ही चालाकी के साथ अंडरग्राउंड निर्माण किया गया है. एक नकली दरवाजे के जरिए उस बंकर को ऐसे छिपाया गया है कि पहली नजर में किसी को भी शक नहीं होगा. लेकिन आजतक की टीम ने उस बंकर को खोज भी निकाला और वो लिफ्ट भी मिल गई है जिसके सहारे वहां तक जाया जा सकता है.

(फोटो- संजय कुमार)
अब क्या राजपक्षे की तरफ से इसी खुफिया बंकर का इस्तेमाल किया गया, ये अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन जिस तरह से बिना किसी को भनक लगे वे वहां से भाग गए, जानकार अनुमान जरूर लगा रहे हैं कि इस बंकर का इस्तेमाल हुआ होगा. बड़ी बात ये भी है कि ये सुरक्षित रास्ता पहले तल के एक कमरे में आलमीरा के साथ बनाया गया है ताकि किसी को ये खुफिया रास्ता न पता चले.

(फोटो- संजय कुमार)
अभी राजपक्षे अनुपस्थिति में श्रीलंका के हालात बद से बदतर की ओर जा रहे हैं. एक तरफ सड़क पर अगर प्रदर्शनकारी हिंसक हो रहे हैं तो राष्ट्रपति भवन पर भी उनका कब्जा कई सवाल खड़े कर गया है. जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उनमें प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन की तमाम सुविधाओं का लुत्फ उठाते दिख रहे हैं. कोई स्विमिंग पूल में मजे कर रहा है तो कोई बिस्तर पर आराम फरमा रहा है. कुछ प्रदर्शनकारी किचन में जाकर खाना पका रहे हैं, कोई शराब का सेवन कर रहा है तो कोई सिर्फ अलग-अलग जगहों से सेल्फी क्लिक कर रहा है.
इस प्रोटेस्ट में यूथ और स्टडेंट भी शामिल हैं. यहां लोगों का कहना कि गोटबाया तत्काल इस्तीफा दें. हालांकि, गोटबाया की तरफ से कहा गया है कि वे 13 जुलाई को प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा दे देंगे. लेकिन लोग इंतजार करने के लिए तैयार नहीं हैं. वे तत्काल पद छोड़ने की मांग पर अड़े हैं. इसी वजह से ये प्रदर्शन शांत होने के बजाय और ज्यादा उग्र होता जा रहा है.
वर्तमान स्थिति की बात करें तो पिछले एक हफ्ते से लोगों को ईंधन का इंतजार है. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के पास भी ईंधन नहीं बचा है. फ्यूल का संकट इतना गहरा गया कि वाहनों की आवाजाही लगभग ठप हो गई है. इसके अलावा श्रीलंका के पास खाद्य सामग्री भी खत्म होने की कगार पर है. महंगाई के रोज टूटते रिकॉर्ड ने भी चुनौती को और ज्यादा बढ़ा दिया है. जानकार मान रहे हैं कि अब श्रीलंका में जल्द ही सत्ता परिवर्तन हो जाएगा. चुनाव करवाए जाएंगे और फिर किसी नए नेता के नेतृत्व में वर्तमान संकट से लड़ा जाएगा.