आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने पर्यटन को गति देने के लिए एक और कदम उठाया है. अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को लुभाने के लिए श्रीलंका ने वीजा ऑन अराइवल की सुविधा बहाल करने का ऐलान किया है. हालांकि, श्रीलंका सरकार ने पाकिस्तान और नेपाल जैसे देशों को झटका भी दिया है. पाकिस्तान और नेपाल समेत 10 देशों के सैलानी इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे.
समाचार एजेंसियों के मुताबिक श्रीलंका सरकार ने वीजा ऑन अराइवल की सुविधा को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए बहाल करने का ऐलान शनिवार को कर दिया. श्रीलंका की सरकार ने ये सुविधा कोरोना वायरस की महामारी के कारण साल 2020 में ही बंद कर दी थी. श्रीलंका सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम को द्वीपीय देश में पर्यटन इंडस्ट्री में फिर से जान फूंकने की दिशा में उठाए गए सबसे जरूरी कदम के तौर पर देखा जा रहा है.
श्रीलंका की आमदनी का बड़ा हिस्सा पर्यटन से आता है. कोरोना वायरस की महामारी के कारण पर्यटन इंडस्ट्री काफी प्रभावित हुई है. श्रीलंका सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश में एंट्री के पोर्ट पर आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ईटीए) जारी करना शुरू कर दिया गया है. ये सेवा 8 फरवरी 2022 से ही शुरू की जा चुकी है.
श्रीलंका सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह सेवा उन पर्यटकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए शुरू की गई है जो समय की कमी के कारण यहां की यात्रा करने के लिए ऑनलाइन ईटीए प्राप्त करने में कठिनाई का अनुभव करते हैं. इस सेवा का लाभ पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, सीरिया, नाइजीरिया, घाना, आइवरी कोस्ट, कैमरून, म्यांमार और उत्तर कोरिया के पासपोर्ट धारक नहीं ले पाएंगे.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की महामारी से पहले श्रीलंका, एशिया के सबसे लोकप्रिय ट्रैवल डेस्टिनेशन में से एक हुआ करता था. श्रीलंका के लिए भारत सबसे बड़ा टूरिज्म मार्केट हुआ करता था. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस महीने 3575 भारतीय श्रीलंका की यात्रा कर चुके हैं. 4500 रूस और 3700 ब्रिटिश यात्रियों ने श्रीलंका की है.
श्रीलंका की पर्यटन इंडस्ट्री धीरे-धीरे ट्रैक पर आ रही है. जनवरी महीने के दौरान ही श्रीलंका में 82000 विदेशी सैलानी पहुंचे. पिछले साल की इसी समयावधि यानी जनवरी 2021 के आंकड़ों की बात करें तो तब केवल 1600 विदेशी सैलानी श्रीलंका पहुंचे थे.