श्रीलंका को नया प्रधानमंत्री मिल गया है. रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ है. लेकिन उन्होंने सबसे पहले कहा कि वह आर्थिक संकट से जूझ रहे देश को हर हाल में इन परिस्थितियों से बाहर निकालेंगे. इसके साथ ही उन्होंने भारत के साथ संबंधों का भी जिक्र किया.
एजेंसी के मुताबिक रानिल विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा कि उनकी सरकार के भारत के साथ बहुत बेहतर संबंध होंगे. विक्रमसिंघे ने कहा कि मैंने अर्थव्यवस्था के उत्थान की चैलेंज लिया है, और मुझे इसे पूरा करना है. इसके साथ ही विक्रमसिंघे ने प्रदर्शनकारियों को लेकर कहा कि अगर वह बात करना चाहें तो स्वागत है, हम बात करने के लिए तैयार है. लेकिन जरूरी है कि वह इस दिशा में आगे बढ़ें.
उधर, कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने रानिल विक्रमसिंघे के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद श्रीलंका के लोगों के लिए देश की प्रतिबद्धता को दोहराया. उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा कि भारतीय उच्चायोग राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद करता है और श्रीलंका सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक है. साथ ही कहा कि श्रीलंका के लोगों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जारी रहेगी.
यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के नेता विक्रमसिंघे को कोलंबो में गोटाबाया राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई. इससे पहले वह 5 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं. बता दें कि सरकार विरोधी प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं के बाद महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.