अमेरिका से चल रही ईरान की परमाणु वार्ता के बीच खबर आ रही है कि कुछ समय पहले सऊदी अरब ने ईरान को चेतावनी दी थी. सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से मुलाकात के दौरान उन्हें चेताते हुए कहा था कि परमाणु समझौते पर ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत को गंभीरता से लें या फिर इजरायल के साथ युद्ध के लिए तैयार रहें.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए खाड़ी के दो सूत्रों और दो ईरानी अधिकारियों ने यह जानकारी दी है. अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र में और अधिक अस्थिरता की संभावना से चिंतित होकर, सऊदी अरब के 89 वर्षीय राजा सलमान बिन अब्दुलअजीज ने अपने बेटे प्रिंस खालिद बिन सलमान को खामेनेई को चेतावनी देने के लिए भेजा था.
सूत्रों ने बताया कि ईरान की राजधानी तेहरान में 17 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन परिसर में बंद कमरे में हुई बैठक में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान, सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची मौजूद थे.
ईरानी मीडिया ने प्रिंस के दौरे को कवर किया लेकिन किंग सलमान के सीक्रेट मैसेज को लेकर किसी तरह की रिपोर्ट तब सामने नहीं आई.
'ट्रंप के पास धीरज की कमी, लंबी बात नहीं करेंगे'
चार सूत्रों के अनुसार, प्रिंस खालिद, जो ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका में सऊदी अरब के राजदूत थे, ने बैठक के दौरान ईरानी अधिकारियों को चेतावनी दी कि अमेरिकी नेता के पास धैर्य की कमी है और वो लंबी बातचीत नहीं करना चाहेंगे.
ट्रंप ने एक हफ्ते पहले ही घोषणा की थी कि ईरान के साथ परमाणु वार्ता जारी है जिसका मकसद ईरान पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में राहत के बदले ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाना है. उन्होंने यह बात इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदगी में कही थी, जो ईरानी परमाणु स्थलों पर हमलों के लिए समर्थन हासिल करने की उम्मीद में अमेरिका आए थे.
चार सूत्रों के अनुसार, तेहरान में प्रिंस खालिद ने ईरान के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि ट्रंप की टीम जल्द ही समझौता करना चाहेगी और अमेरिका डिप्लोमेसी का रास्ता बंद करने में ज्यादा समय नहीं लगाएगा.
दो खाड़ी सूत्रों के अनुसार, सऊदी मंत्री ने ईरानी अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि अगर परमाणु वार्ता असफल हो जाती है इजरायल के हमले की संभावना है इसलिए अमेरिका के साथ समझौता ही बेहतर कदम है. उन्होंने कहा कि मध्य-पूर्व में पहले से ही गाजा और लेबनान में युद्ध चल रहे हैं, ऐसे में नया तनाव क्षेत्र के लिए सही नहीं होगा.
सऊदी अरब के वास्तविक शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के छोटे भाई प्रिंस खालिद की यह यात्रा सऊदी शाही परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य की दो दशक से भी ज्यादा समय में ईरान की पहली यात्रा थी. सऊदी अरब और ईरान लंबे समय से कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, अक्सर छद्म युद्धों में दोनों देश विरोधी पक्षों का समर्थन करते रहे हैं. लेकिन 2023 में चीन की मध्यस्थता से दोनों देशों ने अपने राजनयिक संबंध बहाल किए थे.