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रूस से जंग के बीच भारत के दौरे पर आज पहुंचेंगी यूक्रेन की डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर Emine Dzhaparova

रूस-यूक्रेन जंग के बीच आज यूक्रेन की डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर एमीन झारपोवा (Emine Dzhaparova) भारत की यात्रा पर पहुंच रही हैं. वह विदेश मंत्रालय के कई अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगी. अपनी यात्रा के दौरान वह पीएम मोदी को यूक्रेन आने का न्योता भी दे सकती हैं.

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एमीन झारपोवा (फाइल फोटो)
एमीन झारपोवा (फाइल फोटो)

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को 1 साल से ज्यादा समय बीत चुका है. लेकिन दोनों ही देशों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. एक तरफ यूक्रेन को अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देशों का साथ मिल रहा है तो वहीं रूस भी अमेरिका विरोधी देशों की गोलबंदी करने में जुटा हुआ है. 

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच यूक्रेन की डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर एमीन झारपोवा (Emine Dzhaparova) 4 दिवसीय यात्रा पर आज दिल्ली पहुंच रही हैं. रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2021 में शुरू हुई जंग के बाद यह झारपोवा की पहली भारत यात्रा है. वह 9 अप्रैल से 12 अप्रैल तक भारत में रहेंगी.

पीएम मोदी को मिल सकता है न्योता

यात्रा के दौरान झारपोवा विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगी. इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन आने का न्योता भी दे सकती हैं. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत के दौरान यूक्रेन की महिला मंत्री द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगी. इसके अलावा दोनों पक्षों के बीच यूक्रेन की मौजूदा स्थिति और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.

अक्टूबर में जेलेंस्की ने की थी बात

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झापरोवा विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से भी मुलाकात करेंगी. बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच बातचीत हुई थी. इसमें पीएम मोदी ने जेलेंस्की से कहा था कि इस समस्या का कोई सैन्य समाधान नहीं निकाला जा सकता. भारत शांति के प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है.

दोनों देशों के बीच 30 साल पुराने संबंध

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और यूक्रेन के बीच पिछले 30 सालों से राजनयिक संबंध स्थापित हैं. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग से व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है.

फिनलैंड ने ली NATO की सदस्यता

रूस का दावा है कि उसने यूक्रेन की NATO में शामिल होने की जिद के कारण उस पर हमला किया है. हालांकि, रूस अब तक इसे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन कहता आया है. लेकिन रूस के इस कदम के बाद भी उसे एक बड़ा झटका लगा है. हाल ही में रूस के विरोध को दरकिनार करते हुए फिनलैंड ने NATO की सदस्यता ले ली है.

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