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'पीएम मोदी और मैं...', भारत आने से पहले पुतिन ने साफ कर दिया एजेंडा, US-यूरोप पर बरसे

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत दौरे से पहले अपने एजेंडे को साफ़ कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आयात, व्यापार और दोनों देशों के आर्थिक सहयोग पर विस्तार से चर्चा होगी. इसके साथ ही पुतिन ने पश्चिमी देशों पर गंभीर आरोप लगाए.

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रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि कुछ देश दबाव बनाकर दुनिया चलाना चाहते हैं (Photo: AFP)
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि कुछ देश दबाव बनाकर दुनिया चलाना चाहते हैं (Photo: AFP)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर भारत 4 दिसंबर को आएंगे. इस दौरान वह राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. 

रूस के दूसरे सबसे बड़े बैंक वीटीबी के कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि उनकी और प्रधानमंत्री मोदी की जल्द मुलाक़ात होने वाली है. इस दौरान भारत के साथ व्यापार और आयात को लेकर विस्तृत चर्चा होगी. 

उन्होंने कहा कि रूस अपनी 'स्वतंत्र आर्थिक नीति' पर काम करते रहेगा, जिसमें सिर्फ अपने देश के हित को ध्यान में रखा जाएगा. साथ ही उल्लेख किया कि बीते तीन सालों में भारत और चीन के साथ रूस का व्यापार में काफी बढ़ोतरी हुई है.

यूरोप पर सख्त बयान

पुतिन ने यूरोप पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर यूरोप युद्ध लड़ना चाहता है, तो हम अब तैयार हैं.” उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों की अब 'शांति की कोई योजना नहीं', बल्कि वे युद्ध को बढ़ावा दे रहे हैं.

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पश्चिमी देशों पर आरोप

VTB इन्वेस्टमेंट फोरम में पुतिन ने कहा कि आज की दुनिया 'भारी उथल-पुथल' के दौर से गुजर रही है. वजह ये है कि कुछ देश अपने 'एकाधिकार वाले दबदबे' का इस्तेमाल करके दूसरों पर दबाव डाल रहे हैं. उन्होंने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वे दुनिया से 'मुकाबला खत्म करना' चाहते हैं.

पुतिन ने आगे कहा, 'वो इसमें नाकाम हो रहे हैं और आगे भी नाकाम होते रहेंगे.'

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन लगभग चार साल बाद फिर से भारत आने वाले हैं. इस बार उनकी यात्रा 4 और 5 दिसंबर 2025 को तय हुई है.

उनकी पिछली भारत यात्रा 6 दिसंबर 2021 को हुई थी, जब वे 21वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली आए थे.

इसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हो गया और अंतरराष्ट्रीय हालात काफी बदल गए. इसी वजह से पुतिन पिछले चार सालों में भारत नहीं आ सके. लेकिन अब फिर से उनकी यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में एक नई गति लाने वाली मानी जा रही है.

सुदर्शन चक्र से जुड़ा बड़ा संदेश

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दौरा कितना अहम है, ये आप इस बात से समझ सकते हैं कि भारत–रूस की दोस्ती से अब भारत को मिल सकती है "सुदर्शन चक्र" जैसी शक्ति - वो सुरक्षा कवच, जो देश को हर हवाई खतरे से बचा सके.

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इस साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि 2035 तक भारत के पास ऐसी "अभेद्य सुरक्षा ढाल" होगी, जिसे कोई भी हवाई हमला भेद नहीं पाएगा.

S-500 पर बड़ा फैसला संभव

अब उसी दिशा में बड़ा कदम इस दौरे में उठाया जा सकता है. भारत ने रूस से 5 S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का करार किया था. जिनमें से 3 भारत को पहले ही मिल चुके हैं. लेकिन अब बात इससे एक कदम आगे की हो रही है  यानी S-500 सिस्टम की.

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दुनिया के सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में शुमार S-500 को लेकर भी बातचीत की उम्मीद है. अगर ये सौदा हुआ, तो भारत का 2035 तक “अपना खुद का एयर डिफेंस नेटवर्क” बनाने का सपना और मजबूत हो जाएगा.

रूस की संसद में बड़ा कदम

पुतिन की यात्रा से पहले रूस की संसद भी एक ऐसा समझौता मंज़ूर करने जा रही है, जिसे दोनों देशों के बीच का "गेमचेंजर डील" कहा जा रहा है. नाम है RELOS, यानी रसद समझौते का पारस्परिक आदान-प्रदान.

यह समझौता कहता है कि भारत और रूस की सेनाएं जरूरत पड़ने पर एक-दूसरे की सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगी. फिर चाहे वो ईंधन हो, मरम्मत हो या किसी बेस का इस्तेमाल.

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