प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने रूस के आधिकारिक दौरे पर जाने वाले हैं. लेकिन इस दौरे को लेकर भारत और रूस दोनों देशों में उत्साह बना हुआ है. इस बीच रूस में पहले हिंदू मंदिर निर्माण की मांग तेज हो गई है.
रूस में भारतीय समुदाय ने आठ जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी के मॉस्को दौरे से पहले यहां हिंदू मंदिर के निर्माण की मांग तेज कर दी है. आठ जुलाई को पीएम मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी.
इंडियन बिजनेस अलायंस और इंडियन नेशनल कल्चरल सेंटर ने ये मांग की है. इंडियन बिजनेस अलायंस के अध्यक्ष स्वामी कोटवानी ने मॉस्को में रूस के पहले हिंदू मंदिर की इच्छा जाहिर की है.
यह मंदिर भारतीय प्रवासियों के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र होगा. मॉस्को में बनने वाला ये हिंदू मंदिर न केवल भारतीयों के लिए एकता और आकर्षण का केंद्र बनेगा. बल्कि दोनों रूस और भारत दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक भी बनेगा.
रूस में हिंदू धर्म
हिंदू धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, जिसका रूस में लगातार विकास हो रहा है. रूस में ईसाइयों की भारी आबादी के बावजूद हिंदू धर्म लगातार बढ़ रहा है. हालांकि, मॉस्को और पीटर्सबर्ग में इस्कॉन मंदिर पहले से हैं. लेकिन इस तरह के मंदिर सादी इमारतों में हैं.
नेपाल और भारत जैसे दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में हिंदू धर्म का सबसे अधिक पालन किया जाता है. लेकिन रूस में हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार 1900 के दशक में देखने को मिला. ब्रिक्स सम्मेलन से पहले हिंदू मंदिर को लेकर की गई इस मांग का अधिक महत्व है.
अबू धाबी का हिंदू मंदिर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया था. यह मंदिर बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान (BAPS) का है. मंदिर के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि ये उनका सौभाग्य है कि वे अयोध्या के राम मंदिर के बाद अब अबू धाबी में मंदिर का उद्घाटन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, मंदिर की 7 मीनारें यूएई की 7 अमीरातों का प्रतीक है. यही भारतीय का स्वभाव है. हम जहां जाते हैं वहां की संस्कृति मूल्यों को सम्मान भी देते हैं और आत्मसाध भी करते हैं. सबके सम्मान का यही भाव शेख मोहम्मद के जीवन में भी साफ दिखता है.
पीएम ने कहा था कि अबू धाबी का ये विशाल मंदिर केवल एक उपासना स्थल ही नहीं है, ये मानवता की सांझी विरासत का शेयर्ड हेरिटेज का प्रतीक है. ये भारत और अरब के लोगों के आपसी प्रेम का भी प्रतीक है.