रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कुछ दिन पहले बॉर्डर बदलने को लेकर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भौगोलिक रूप से सिंध भारत का हिस्सा नहीं है लेकिन सभ्यता के नजरिए से देखें तो सिंध हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा और भविष्य में सिंध फिर से भारत में वापस आ सकता है. उनके इस बयान की पाकिस्तान की सिंध असेंबली में चर्चा हुई.
सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने असेंबली में एक प्रस्ताव पेश किया और राजनाथ सिंह के बयान पर चर्चा करते हुए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया.
इसके बाद सिंध असेंबली ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया, जिसमें राजनाथ सिंह के बयान को आक्रामक बताते हुए उसकी निंदा की गई.
सिंध के मुख्यमंत्री ने लांघी सीमा?
सिंध के मुख्यमंत्री ने असेंबली में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जो बयान दिया है, वो निंदनीय है. उन्होंने कहा कि सिंध के प्राचीन इतिहास को देखें तो यह क्षेत्र ईसा पूर्व काल से भी पहले अस्तित्व में था. प्राचीन सिंध के नक्शों में मुल्तान और मकरान भी शामिल थे.
मुराद अली शाह ने कहा कि मुस्लिम लीग की सिंध शाखा ने ही पाकिस्तान प्रस्ताव पेश किया था. हम सभी, जिन्होंने पाकिस्तान बनाया, यहां बैठे हैं. पाकिस्तान हमारे बुजुर्गों की कुर्बानियों से बना है.
उन्होंने इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लिए आपत्तजिनक शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने भारत पर सिंधु नदी को हथियार की तरह इस्तेमाल करने के प्रयास का भी आरोप लगाया. इतना ही नहीं, मुराद अली ने पाकिस्तान की संघीय सरकार से आग्रह किया कि वह इस पर त्वरित कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान सरकार से मांग करते हैं कि इस मुद्दे को पूरी दुनिया के सामने उठाया जाए.
राजनाथ सिंह ने क्या दिया था बयान?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली में आयोजित ‘सिंधी समाज सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा था कि भले ही आज भौगोलिक रूप से सिंध भारत का हिस्सा नहीं है, लेकिन सभ्यतागत रूप से सिंध हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा और भविष्य में सिंध फिर से भारत में वापस आ सकता है.
उन्होंने कहा था कि आज सिंध की भूमि भारत का हिस्सा नहीं हो सकती है, लेकिन सभ्यता की दृष्टि से सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहेगा और जहां तक जमीन की बात है, सीमाएं बदल सकती हैं. कौन जानता है, कल सिंध फिर से भारत में वापस आ जाए. उन्होंने कहा था कि वर्तमान पाकिस्तान का सिंध प्रांत सिंधी समुदाय के सदस्यों का मूल स्थान है जो भारत की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हैं. सिंध, सिंधु घाटी सभ्यता का उद्गम स्थल भी है.