पाकिस्तान के सियालकोट में रहने वाले हिंदुओं के लिए अच्छी खबर है. यहां 72 साल बाद फिर शावाला तेजा सिंह मंदिर पूजा-पाठ के लिए खोल दिया गया. बंटवारे के दौरान इस मंदिर को बंद कर दिया गया था. गुरुवार को मंदिर में हिंदू परंपराओं के अनुसार भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया.
बता दें कि पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों की ओर से लगातार मंदिर को खोलने की मांग की जा रही थी. इस बाबत पाकिस्तान इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) द्वारा पहल की गई थी. इस समारोह में हिंदू सुधार सभा के अध्यक्ष अमरनाथ रंधावा, डॉ मुनव्वर चंद और पंडित काशी राम सहित कई हिंदू नेता मौजूद थे.
श्राइन सचिव सैयद फराज अब्बास ने कहा 'कई सालों से हिंदू समुदाय मांग कर रहा था कि मंदिर को खोला जाए.' ईपीटीबी की पहल के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंदिर को फिर से खोलने के निर्देश दिए थे. अमरनाथ रंधावा ने कहा कि इमरान सरकार ने मंदिर खोलकर सराहनीय काम किया है.
मंदिर के जीर्णोद्धार का काम जोरों पर है. इसके लिए ईटीपीबी ने पहली किस्त के रूप में रुपए 50 लाख रुपए दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, यहां देवी-देवताओं की मूर्तियां भारत से लाकर स्थापित की जाएंगी. हाल ही में लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा स्थापित की गई थी.
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान और भारत के रिश्तों में कड़वाहट चरम पर है. इस बीच रिपोर्ट आई थी कि पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर का काम धीमा कर दिया है. बीते दिनों इस मसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चिंता जताई थी. उन्होंने कहा कि था, 'पाकिस्तान को करतारपुर कॉरिडोर को लेकर अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटना चाहिए. करतारपुर कॉरिडोर सिख समुदाय के लोगों के लिए आस्था का प्रतीक है.'