
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तीखी प्रतिक्रिया और आक्रामक रणनीति के चलते पाकिस्तान में खलबली मच गई है. भारत की सैन्य तैयारी से घबराए पाकिस्तान ने अपनी खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है.
पाकिस्तान के अख़बार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक असीम मलिक को ये जिम्मेदारी 'अतिरिक्त प्रभार' के तौर पर सौंपी गई है. इस नियुक्ति का औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया गया है. माना जा रहा है कि भारत की निर्णायक प्रतिक्रिया के मद्देनजर पाकिस्तान ने ये कदम उठाया है. बता दें कि असीम मलिक को ISI प्रमुख के तौर पर पिछले साल सितंबर में नियुक्त किया गया था.

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, इससे पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व में हड़कंप मच गया है. लिहाजा पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने दावा किया था कि भारत 24 से 36 घंटों में पाकिस्तान पर हमला कर सकता है. तरार ने गीदड़भभकी देते हुए कहा था कि अगर भारत ने कोई आक्रामक कदम उठाया, तो उसे कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा और वह क्षेत्र में किसी भी गंभीर नतीजे के लिए जिम्मेदार होगा.
पाकिस्तान को सता रहा हमले का डर
वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि भारत की सैन्य कार्रवाई कभी भी हो सकती है, हालांकि पाकिस्तान परमाणु हथियार का इस्तेमाल तभी करेगा, जब उसके देश के अस्तित्व को खतरा होगा.
बैकफुट पर आया पाकिस्तान
भारत के मजबूत और स्पष्ट रुख ने पाकिस्तान की सेना और सरकार दोनों को बैकफुट पर ला दिया है. पाकिस्तान न केवल आतंकियों को बंकरों में छिपा रहा है बल्कि अपने राजनयिकों को दुनियाभर के देशों में भेजकर माहौल को शांत करने की कोशिश कर रहा है.
भारत ने निकाली PAK की हेकड़ी
बता दें कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी शुरू में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी, लेकिन कुछ दिन बाद उसने अपना बयान वापस ले लिया. माना जा रहा है कि पाकिस्तान के सैन्य दबाव के चलते यह बयान बदला गया. भारत ने इस आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को रोकना, पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित करना, एयरस्पेस बंद करना, और अटारी-वाघा बॉर्डर को सील करना शामिल है. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी शिमला समझौते को निलंबित कर दिया है.