रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस महीने की शुरुआत में (4-5 दिसंबर को) भारत के ऐतिहासिक दौरे पर आए थे जिससे दोनों देशों का रिश्ता और मजबूत हुआ है. इस दौरे से अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच भी भारत-रूस का ऊर्जा सहयोग मजबूत हुआ है. भारत ने रूस का सस्ता तेल खरीदना जारी रखा है और रूस अब भी भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है.
पुतिन के भारत से लौटने के कुछ दिनों बाद ही अब पाकिस्तान रूस के पास एक मांग लेकर पहुंच गया है. पाकिस्तान चाहता है कि रूस उसके साथ एक तेल समझौता करे और इसी संबंध में उसने रूस के साथ बातचीत शुरू कर दी है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने यह जानकारी रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी RIA से बातचीत में दी है. मंगलवार को प्रकाशित इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि रूस के साथ किसी भी डील से पाकिस्तान को खुशी होगी.
उन्होंने ऊर्जा के अन्वेषण, उत्पादन और रिफाइनिंग में दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग के सवाल पर कहा, 'ये सभी क्षेत्र रूस की ताकत हैं. अगर रूस इस क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ किसी समझौते पर सहमत होता है तो हमें बेहद खुशी होगी. फिलहाल इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के ऊर्जा मंत्रालयों के बीच चर्चा चल रही है.'
रूस के ऊर्जा मंत्री सर्गेई सीविलेव ने नवंबर में कहा था कि रूस ने पाकिस्तान में एक रिफाइनरी को अपग्रेड करने को लेकर भी चर्चा की है. बताया जा रहा है कि रूस की कंपनियां पाकिस्तानी रिफाइनरी को अपग्रेड करने का काम कर सकती हैं. हालांकि, पाकिस्तान की बदहाल आर्थिक स्थिति और सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह दूर की कौड़ी लगती है.
हाल के सालों में पाकिस्तान ने रूस के साथ अपने संबंधों को बढ़ाने की कोशिश की है. फरवरी 2022 में यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद से भारत और चीन जैसे देश रूस से भरपूर मात्रा में तेल आयात कर रहे हैं. रूस भारत को रियायती दरों पर तेल बेच रहा है जिससे यहां की रिफाइनरियों ने भारी मुनाफा कमाया है.
इसे देखते हुए पाकिस्तान ने भी रूस से ऊर्जा सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं. आर्थिक बदहाली से जूझ रहा पाकिस्तान रूसी तेल खरीदना शुरू कर चुका है और इस सहयोग को बढ़ाने के लिए एक डील की तलाश में है. पाकिस्तान ने साल 2023 में रूसी कच्चे तेल की खरीद शुरू की थी.
पाकिस्तानी वित्त मंत्री औरंगजेब ने यह भी बताया कि रूस और पाकिस्तान, पाकिस्तान में एक और स्टील प्लांट के निर्माण की संभावना पर भी विचार कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को 2023 में सरकार-नेतृत्व वाली व्यवस्था के तहत रूसी कच्चे तेल की खेपें मिली थीं. पहली खेप जून 2023 में कराची बंदरगाह पर पहुंची थी. पहली खेप में 45,000 टन रूसी कच्चा तेल पाकिस्तान पहुंचा था.
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने अप्रैल 2023 में डील की शर्तों पर महीनों चली बातचीत के बाद 1,00,000 टन रूसी कच्चे तेल का पहला ऑर्डर दिया था.
दूसरी खेप जून 2023 के अंत में कराची बंदरगाह पर पहुंची, जिसमें 55,000 टन रियायती रूसी कच्चा तेल था. दूसरी खेप में देरी को लेकर पाकिस्तान ने बताया कि उसकी रिफाइनरी 'पाकिस्तान रिफाइनरी लिमिटेड' की भंडारण क्षमता सीमित है और वो एक साथ ज्यादा मात्रा में तेल का भंडारण नहीं कर पाएगी.