अफगानिस्तान में तालिबान ने अफगानी सेना को परास्त कर सत्ता पर कब्जा कर लिया है. अफगानी सत्ता पर फिर से तालिबान की ताजपोशी का महज औपचारिक ऐलान बाकी है लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई एक्टिव मोड में आ गई है. आईएसआई चीफ जहां काबुल के दौरे पर हैं वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने अफगानिस्तान सीमा के करीब बलूचिस्तान में शम्सी एयरबेस को एक्टिव कर दिया है.
एक्टिव किए गए इन एयरपोर्ट्स से पाकिस्तान के लड़ाकू और अन्य विमान उड़ान भर सकते हैं. अफगानिस्तान की सीमा के करीब पाकिस्तानी वायु सेना की गतिविधियों में इजाफा देखने को मिल रहा है. शीर्ष सरकारी सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी एजेंसियों ने अफगानिस्तान में डायरेक्ट अपने लोगों को तैनात किया है, अपने संसाधन तैनात किए हैं इसलिए भी क्षेत्र में पाकिस्तानी वायु सेना की गतिविधियां अधिक हैं.
पाकिस्तानी एजेंसियों ने रावलकोट और कोटली में एयरबेस भी एक्टिव कर दिए हैं जहां एयर डिफेंस से जुड़े उपकरण तैनात किए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक ये दो एयरबेस पाकिस्तान के 12 सैटेलाइट एयरबेस का ही हिस्सा हैं जिन्हें समय-समय पर पाकिस्तानी सेना के सहयोग के लिए नियमित रूप से उपयोग किया जाता रहा है. सूत्रों के मुताबिक भारतीय एजेंसियां पाकिस्तान की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान अमेरिका और अफगान नेशनल आर्मी के खिलाफ जंग के दौरान लगातार तालिबान का सहयोग करता रहा. पाकिस्तान की कोशिश अफगानिस्तान के घटनाक्रम को नियंत्रित करने की रही है. गौरतलब है कि तालिबान और अलकायदा के खिलाफ हमले के लिए अमेरिका शम्सी एयरबेस का इस्तेमाल करता रहा है.