पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत (ATC) ने पिछले साल पंजाब प्रांत में एक मंदिर पर हमला करने के आरोप में 22 लोगों को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई है. जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने पिछले साल जुलाई में लाहौर से करीब 590 किलोमीटर दूर रहीम यार खान जिले के भोंग शहर में गणेश मंदिर पर हमला किया था.
बता दें कि गुस्साई भीड़ ने हथियार, लाठी से मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला किया और मंदिर के एक हिस्से में तोड़फोड़ की और उसे जला दिया था. इस मामले में 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, इस मामले में पिछले सप्ताह सुनवाई पूरी हुई है. इस मामले में एटीसी न्यायाधीश (बहवलपुर) नासिर हुसैन ने फैसला सुनाया. जज ने 22 आरोपियों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई, जबकि बाकी 62 लोगों को बरी कर दिया.
पाक SC ने कराया था मंदिर का जीर्णोद्धार
फैसला सुनाए जाने से पहले सभी संदिग्धों को नई सेंट्रल जेल बहावलपुर से कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में लाया गया. एक अधिकारी ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा सबूत पेश करने और गवाहों की गवाही के बाद कोर्ट ने 22 आरोपियों को सजा सुनाई है. वहीं शीर्ष अदालत के आदेश पर सरकार ने पहले ही संदिग्धों से 10 लाख पीकेआर (5,300 अमेरिकी डॉलर) से अधिक मुआवजा वसूल किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया.
पाक संसद ने भी हमले की निंदा की थी
घटना के बाद पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलज़ार अहमद ने खेद व्यक्त किया कि गणेश मंदिर में बर्बरता ने देश को शर्मसार कर दिया, क्योंकि पुलिस ने मूक दर्शकों की तरह काम किया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि कल्पना कीजिए कि इस घटना ने हिंदू समुदाय के सदस्यों को कितनी मानसिक पीड़ा दी होगी. वहीं पाकिस्तान की संसद ने भी एक प्रस्ताव पारित कर मंदिर हमले की निंदा की थी.