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पाकिस्तान में भड़की हिंसा, कट्टरपंथियों ने पुलिस को बनाया बंधक, जानें क्यों हो रहा है बवाल?

पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. ये प्रदर्शन पाकिस्तान की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक कर रही है. हिंसा में कई लोगों के मारे जाने की खबर है.

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हिंसा में सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. (फोटो-PTI)
हिंसा में सैकड़ों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तहरीक-ए-लब्बैक कर रहा फ्रांस का विरोध
  • 4 पुलिसकर्मी मारे गए, 600 घायल हुए

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में जमकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर लाहौर में देखने को मिल रहा है. लेकिन बताया जा रहा है कि कई शहरों में पुलिस और कट्टरपंथियों के बीच झड़पें हो रही हैं. ये प्रदर्शन पाकिस्तान की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) कर रही है. टीएलपी पिछले कई महीनों से फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है. लेकिन पिछले हफ्ते से यहां जमकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के मुताबिक, हिंसक प्रदर्शनों में रविवार तक 4 पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है, जबकि 600 से ज्यादा घायल हैं. वहीं, टीएलपी ने भी अपने कुछ कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा किया है.

रविवार को लाहौर में भयंकर हिंसा भड़की. न्यूज एजेंसी पीटीआई को पंजाब पुलिस के प्रवक्ता राणा आरिफ ने बताया, "टीएलपी के हजारों लोग थे. हमने उन्हें खदेड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन हम इसमें कामयाब नहीं हो सके. कट्टरपंथी ने डीएसपी उमर फारूक बलोच को भी बंधक बनाकर ले गए. वहां उन्हें टॉर्चर किया जा रहा है. टीएलपी ने बंधक पुलिसकर्मी का एक वीडियो मैसेज जारी किया है, जिसमें उनके सिर पर चोट नजर आ रही है. वीडियो में पुलिसकर्मी इमरान सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि वो टीएलपी के कार्यकर्ताओं को ना मारे. सरकार टीएलपी के साथ हुए समझौते को माने और फ्रांस के राजदूत को देश से बाहर निकाल दे." उन्होंने बताया कि कट्टरपंथी एक ऑयल टैंकर भी साथ ले गए, जिसमें 50 हजार लीटर पेट्रोल था. 

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राणा आरिफ ने बताया कि अब तक टीएलपी के 3,200 से ज्यादा कार्यकर्ता और नेताओं को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि हिंसक प्रदर्शनों में पंजाब पुलिस के 4 जवानों की मौत हो गई है. वहीं, टीएलपी ने भी अपने दर्जनों कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा किया है.

पाकिस्तान में क्यों हो रही है हिंसा?
दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पिछले साल नवंबर में क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाए जाने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताया था. बाग में कार्टून दिखाने वाले टीचर की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद मैक्रों ने टीचर का समर्थन किया था. इसके बाद से ही पाकिस्तान में फ्रांस को लेकर नाराजगी है. तब से ही टीएलपी पार्टी फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने की मांग कर रही है. नवंबर में ही पाकिस्तान सरकार और टीएलपी पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें तय हुआ कि इस मसले को तीन महीने में संसद के जरिए सुलझाया जाएगा.

टीएलपी को कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी माना जाता है. टीएलपी ने फ्रांस के राजदूत को देश से निकालने और फ्रांस के साथ सारे रिश्ते खत्म करने के लिए 20 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है. टीएलपी ने ये भी कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो जमकर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे. लेकिन उससे पहले ही मंगलवार (13 अप्रैल) को पुलिस ने टीएलपी के मुखिया अलामा साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद वहां हिंसा भड़क उठी. 

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