पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के खराब रिश्ते अब और तनावपूर्ण हो गए हैं. मंगलवार को हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया जिसे पाकिस्तान ने 'एक्ट ऑफ वॉर' यानी जंग को बुलावा देने जैसा बताया है. पाकिस्तान के जाने-माने नेता और पूर्व सांसद फैसल वावड़ा ने कहा है कि पाकिस्तान पानी के मुद्दे पर जंग लड़ेगा और इसमें किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.
ARY न्यूज के एक प्रोग्राम में बोलते हुए फैसल वावड़ा ने कहा, 'हमारे आर्मी चीफ ने साफ कह दिया है कि हम पानी के मुद्दे पर जंग लड़ेंगे...इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा. हम उस हद तक चले जाएंगे कि फिर वापसी मुश्किल होगी. अगर हमारी जंग हो गई तो ऐसा नहीं कि यह केवल भारत पाकिस्तान की लड़ाई होगी बल्कि पूरे क्षेत्र में फैल जाएगी. इसके परिणाम होंगे जिसमें अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को दखल देना होगा.'
पाकिस्तानी नेता ने आगे कहा कि जब बात पानी की आएगी तो पाकिस्तान इंतजार नहीं करेगा बल्कि प्रतिक्रिया देगा. उन्होंने पाकिस्तान की सैन्य ताकत की झूठी डींगे हाकते हुए कहा, 'जब बात पानी की है तो शुरुआत हम करेंगे. आपको याद होना चाहिए कि पाकिस्तानी की आर्मी, एयरफोर्स और नेवी कितनी तगड़ी है. हमारी एयरफोर्स का तो पता ही है, वो मछली की तरह पकड़ते हैं फिर मारते हैं.'
भारत की सैन्य ताकत के आगे कहीं नहीं टिकता पाकिस्तान
फैसल वावड़ा के इन डींगों से हटकर अगर आंकड़ों की बात करें तो, ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के मुताबिक, भारत सैन्य ताकत में पूरी दुनिया में चौथे स्थान पर है जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर.
भारत के पास जहां 14.55 लाख सक्रिय सैनिक है तो वहीं पाकिस्तान के पास महज 6.54 लाख सैनिक ही हैं. भारत ने पास 11.55 लाख रिजर्व सैनिक भी हैं जो किसी भी युद्ध जैसी स्थिति में बेहद काम के हैं. अर्धसैनिक बलों की बात करें तो भारत के पास 25 लाख से ज्यादा अर्धसैनिक बल हैं जबकि पाकिस्तान के पास महज 5 लाख.
भारत की रणनीतिक और तकनीकी ताकत भी पाकिस्तान से कहीं ज्यादा है. पाकिस्तान रक्षा बजट को लेकर भी भारत के आगे कहीं नहीं टिक पाता. भारत वित्त वर्ष 2025-26 में जहां रक्षा पर 79 अरब डॉलर खर्च कर रहा है तो वहीं, पाकिस्तान का रक्षा बजट 2,281 अरब रुपये है.
पाकिस्तान के विश्लेषक जमा रहे अपने परमाणु हथियार की धौंस
सिंधु जल संधि निलंबित किए जाने की घोषणा से पाकिस्तान भारी मुश्किल में पड़ गया है. यह जल संधि 1960 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई थी जिसके तहत फैसला हुआ था कि पाकिस्तान को भारत से होकर गुजरने वाली सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का पानी मिलेगा. पाकिस्तान पीने के पानी, सिंचाई और बिजली उत्पादन जैसे कामों के लिए इन नदियों के पानी पर निर्भर है. इन नदियों का पानी पाकिस्तान के सिंचाई सिस्टम की रीढ़ है और वहां के शहरों में इन्हीं नदियों का पानी पहुंचता है.
अगर भारत पाकिस्तान को पानी देना बंद कर देता है तो पाकिस्तान में भारी अकाल की स्थिति आ जाएगी क्योंकि उसके पास इन नदियों का कोई विकल्प नहीं है. इस संधि को निलंबित किए जाने से बौखलाए पाकिस्तान के विश्लेषक कह रहे हैं कि उनका देश अपने हिस्से के पानी के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.
पाकिस्तान के एक रक्षा विश्लेषक ने पाकिस्तान के अखबार 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' से बात करते हुए कहा, 'अगर भारत नदी पर बांध बनाकर पानी रोकने या नदी के रास्ते को बदलने की कोशिश करता है तो पाकिस्तान अपनी सैन्य क्षमता का इस्तेमाल कर उसे तोड़ देगा. इसका मतलब होगा कि पाकिस्तान किसी भी हद तक जाएगा जिसमें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी शामिल होगा.'