
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान को भारत के जवाबी हमले का डर सता रहा है. इसी वजह से पाकिस्तान जंग की गीदड़भभकी दे रहा है. अब पाकिस्तान ने झूठ फैलाने और भारतीय सुरक्षाबलों के बीच सांप्रदायिक मतभेद पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर ऑनलाइन प्रोपेगेंडा कैंपेन शुरू कर दिया है. इसके जरिए पड़ोसी देश सिख सैनिकों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है.
प्रोपेगेंडा के सहारे पाकिस्तान
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ़ 24 अप्रैल से सख्त कदम उठाने के ऐलान शुरू किए हैं. तब से सैकड़ों पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट भारतीय सेना के भीतर चल रहे घटनाक्रमों के बारे में मनगढ़ंत कहानियां फैला रहे हैं. फ़र्जी दावों की इस सीरीज में सबसे ताजा दावा भारतीय सरकार के खिलाफ़ सिख सैनिकों की बगावत से जुड़ा है. X पर पाकिस्तानी अकाउंट्स ने अपने झूठे दावों के सपोर्ट में पुराने और छेड़छाड़ किए गए वीडियो, फेक एडवाइजरी और AI जेनरेटेड मीडिया का सहारा लिया है.
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ऐसा ही एक वायरल दावे में इंडियन मिलिट्री इंटेलिजेंस की 'लीक' एडवाइजरी का हवाला दिया गया है, जिसमें सेंसटिव ड्यूटी पर सिख जवानों की तैनाती के बारे में चेतावनी दी गई है. कथित एडवाइजरी की तस्वीर के साथ पोस्ट में लिखा है, 'यह भारतीय सेना की वास्तविक स्थिति है, जब इसके सैनिक अपने साथियों पर शक करते हैं तो वे जंग कैसे लड़ पाएंगे?'
AI वीडियो और खालिस्तान समर्थक प्रचार
एक अन्य पोस्ट में 'इंडिया आजतक' नाम से एक फर्जी न्यूज पेपर का इस्तेमाल किया गया है, ताकि रीडर्स को गुमराह करके इसकी वैधता पर भरोसा दिलाया जा सके. इस फर्जी खबर में दावा किया गया है कि 'आपसी झड़प में पांच सैनिक मारे गए, हाई रैंकिंग सिख अधिकारी गिरफ्तार'. यह पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स की तरफ से मतभेद को बढ़ावा देने के लिए जानबूझकर की गई कोशिश है.
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@DhamakaAI अकाउंट वाले पाकिस्तानी फेक ऑपरेटिव ने AI की मदद से बनाया गया एक वीडियो शेयर किया जिसमें भारतीय सैनिकों को कथित तौर पर लड़ने से मना करते हुए दिखाया गया. इसके बजाय खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह की मांग की गई है. कैप्शन में लिखा है, 'भारतीय सेना के भीतर विद्रोह की वजह से मोदी को बड़ा झटका लगा! सिख यूनिट ने लड़ने से इनकार कर दिया.'

PAK मीडिया भी चला रही फेक न्यूज
कई खालिस्तान समर्थक अकाउंट भी इस प्रोपेगेंडा कैंपेन में शामिल हो गए हैं और हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं. ये झूठे दावे आखिरकार मुख्यधारा के पाकिस्तानी मीडिया में भी छा गए. समा टीवी और दुनियान्यूज टीवी जैसे न्यूज पोर्टल ने झूठी खबर दी कि 25 अप्रैल को नियंत्रण रेखा (LoC) पर भारतीय सेना की दो यूनिट ने एक-दूसरे पर गोलीबारी की, जिसमें कथित तौर पर पांच सिख सैनिक मारे गए.
पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा एजेंट्स ने अलगाववादी सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो भी प्रसारित किया, जिसमें उसने भारतीय सेना के सिख सैनिकों से कहा कि भारत अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध करता है तो वे देश के लिए न लड़ें. पाकिस्तान समर्थित ग्रुप भारतीय वायु सेना के ठिकानों पर जासूसी करने के लिए 11 मिलियन डॉलर की पेशकश करके खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है.
फेक इन्फो फैलाने वाले ज़्यादातर अकाउंट या तो पाकिस्तान से जुड़े हैं या फिर खालिस्तानी ग्रुप से जुड़े हैं. जबकि इनमें से कई हैंडल भारत में पहले ही बैन किए जा चुके हैं, फिर भी उनका भारत विरोधी प्रचार जारी है. ये ऑपरेटिव अब सिर्फ़ भारतीय दर्शकों को ही निशाना नहीं बना रहे हैं, बल्कि अब अपने नैरेटिव को वैश्विक स्तर पर फैला रहे हैं.
संसद में पन्नू के बयान का जिक्र
यह प्रोपेगेंडा कैंपेन तब और तेज हो गया जब पाकिस्तान के सीनेटर पलवाशा मोहम्मद ज़ई खान ने पाकिस्तानी संसद में एक भड़काऊ बयान दिया, जिसमें उन्होंने आतंकी पन्नू का हवाला देते हुए दावा किया कि सिख सैनिक 'धार्मिक संबंधों' के कारण पाकिस्तान के खिलाफ जंग नहीं लड़ेंगे. यह बयान पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जमकर प्रसारित किया गया, जिसने राजनीतिक बयानबाजी और साइकोलॉजिकल वॉर के बीच की रेखा को लगभग मिटा दिया.
धर्म को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना, खासकर झूठ फैलाकर सिख सैनिकों को निशाना बनाना, पाकिस्तान की युद्ध नीति में लंबे समय से चली आ रही रणनीति का हिस्सा है. पाकिस्तान किसी भी क्षेत्र में भारत के साथ बराबरी करने लायक नहीं और भारतीय सेना से तीन-तीन जंग हार चुका है. ऐसे में झूठ फैलाकर वह अपनी बौखलाहट को ही दिखा रहा है.
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पाकिस्तान की ओर से किए गए किसी भी दावे की न तो अधिकारियों ने पुष्टि हुई है, न ही किसी प्रतिष्ठित स्वतंत्र स्रोत की ओर से इसे सत्यापित किया गया है. प्रेस इनफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) पहले ही लगातार इस तरह के दावों को मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण बताकर खारिज कर चुका है.