पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि इस साल मई में भारत के हमले में उसके सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा था. अप्रैल 2025 में पाकिस्तान समथित आतंकियों ने पहलगाम के बैसरन घाटी में 26 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था.
पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की कि भारत ने रावलपिंडी के चकलाला स्थित नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया था, जिसमें एयरबेस को नुकसान पहुंचा था और वहां तैनात पाकिस्तानी वायुसेना के कई जवान घायल हुए थे. डार ने कहा कि भारत ने 36 घंटे के भीतर पाकिस्तान की सीमा में कई ड्रोन भेजे. उन्होंने दावा किया कि भारत द्वारा भेजे गए 80 ड्रोन में से 79 को पाकिस्तान ने मार गिराया, जबकि एक ड्रोन नूर खान एयरबेस पर गिरा, जिससे सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान हुआ और कुछ कर्मियों को चोटें आईं.
भारत ने नूर खान एयरबेस पर किया था हमला: डार
इशाक डार ने बताया कि 9 मई की रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में सरकार और सैन्य नेतृत्व की बैठक हुई, जिसमें हालात को देखते हुए कुछ फैसलों को मंजूरी दी गई. उन्होंने दावा किया कि 10 मई की सुबह भारत ने नूर खान एयरबेस पर हमला कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान ने जवाबी कदम उठाए. उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल ने इस संघर्ष को समाप्त कराने की पहल की थी. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम कभी युद्ध नहीं चाहते थे.'
नूर खान पाकिस्तान वायुसेना का प्रमुख एयरबेस है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के जिन 11 सैन्य ठिकानों पर हमला किया था, उनमें नूर खान एयरबेस भी शामिल था. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के सरगोधा, रफीकी, जैकोबाबाद और मुरीदके एयरबेस को भी निशाना बनाया था. डार के इस बयान से पाकिस्तान ने सार्वजनिक रूप से भारत की उन रणनीतिक सैन्य कार्रवाइयों को स्वीकार कर लिया है, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मई में उसके सैन्य ठिकानों पर की गईं.
PAK ने 138 जवानों को दिया मरणोपरांत वीरता पदक
भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने इशाक डार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें 'झूठ बोलने का आदी' करार दिया. लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लों ने एएनआई से कहा, 'पाकिस्तानी मीडिया ग्रुप समा टीवी ने अपनी न्यूज वेबसाइट पर 14 अगस्त 2025 (पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस) को वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले 138 जवानों के नाम प्रकाशित किए, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय कार्रवाई में मारे गए थे. उन्हें मरणोपरांत ये वीरता पुस्कार दिए गए थे.'
उन्होंने कहा, 'यदि 138 पाकिस्तानी सैनिकों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया, तो इसका मतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में हताहतों की संख्या 400 से 500 के बीच रही होगी. उनका नूर खान बेस आग की लपटों में घिरा था. पाकिस्तानी नागरिकों ने ही सोशल मीडिया पर वीडियो जारी किए थे. उनके 11 एयरबेस भारतीय हमले में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए थे. हमने अलग-अलग तस्वीरें और वीडियो दिखाए हैं, लेकिन वे झूठ बोलते रहेंगे.'
#WATCH | Chandigarh: On Pakistan's Foreign Minister Ishaq Dar’s statement, Lt Gen (Retd) KJS Dhillon says, "Ishaq Dar is a compulsive liar. But at the end of the day, he also tells the truth. They say that 80 drones were fired by India, and they could hit 79 of them, and only… pic.twitter.com/ONaEfpK3Xl
— ANI (@ANI) December 28, 2025
ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी नूर खान एयरबेस पर भारत के हमले को स्वीकार किया था. उन्होंने कहा था कि सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने 9-10 मई की रात 2:30 बजे उन्हें फोन कर हमले की जानकारी दी. जुलाई में शरीफ के सलाहकार राना सनाउल्लाह ने भी स्वीकार किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा दागी गई ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल नूर खान एयरबेस की ओर जा रही थी और इस्लामाबाद के पास यह आकलन करने के लिए कि केवल 30 से 45 सेकंड थे कि कहीं मिसाइल न्यूक्लियर वारहेड तो नहीं ले जा रही.
सैटेलाइट तस्वीरों में PAK एयरबेस पर दिखा नुकसान
मैक्सर टेक्नोलॉजी द्वारा 13 मई को ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में पाकिस्तान के कई एयरबेस पर भारी नुकसान दिखा, जिनमें नूर खान एयरबेस भी शामिल था. तस्वीरों में नूर खान (रावलपिंडी), मुशाफ (सरगोधा), भोलारी (कराची) और शाहबाज (जैकोबाबाद) एयरबेस सहित चार पाकिस्तानी एयरबेसों पर नुकसान दिखा. भारतीय हमले के पहले 25 अप्रैल 2025 और हमले के बाद 10 मई 2025 को ली गईं सैटेलाइट तस्वीरों में पाकिस्तान के चार एयरबेस पर नुकसान स्पष्ट दिखा, जिसमें नूर खान एयरबेस भी शामिल था. पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने 10 मई 2025 को इस्लामाबाद में सुबह करीब 4 बजे बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि नूर खान (चकलाला, रावलपिंडी), मुरीदके (चकवाल) और रफीकी (झंग जिले में शोरकोट) एयरबेस भारतीय वायुसेना के निशाने पर थे.