पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान खान को लेकर बड़ा दावा किया है. शहबाज शरीफ ने इमरान खान पर देश में गृह युद्ध की योजना बनाने का आरोप लगाया है और देश के राष्ट्रीय संस्थानों के खिलाफ कहानियां गढ़ने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. इमरान ने हाल ही में एक सभा में सरकारी संस्थानों की मीर जाफर और मीर सादिक से तुलना की थी.
बता दें कि हाल ही में इरामन खान के नेतृत्व वाली सरकार हटाने में सेना की भूमिका पर बयानबाजी होती आ रही है. 69 वर्षीय क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव लाकर सत्ता से बाहर कर दिया गया है. आरोप है कि सरकार को बचाने के लिए उनके समर्थकों ने सेना को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया.
पीएम शहबाज के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री ने एबटाबाद में एक रैली में इमरान खान के संबोधन को 'पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ी साजिश' करार दिया है. शहबाज ने नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा- 'इमरान खान ने कल जो कहा- वह भयानक था. वह देश की जनता के दिमाग में जहर घोल रहा है. देश को और विभाजित करने के प्रयास कर रहा है. इस भाषा को संविधान और कानून के अनुसार बंद किया जाना चाहिए.'
मेरी सरकार को मीर सादिक और मीर जाफर ने गिरा दिया: इमरान
बताते चलें कि इमरान खान ने सभा में कहा था कि सिराज उद-दौला मुगल सम्राट द्वारा नियुक्त बंगाल का गवर्नर था और उसके कमांडर-इन-चीफ मीर जाफर ने दौला की सरकार को गिराने के लिए अंग्रेजों से हाथ मिलाया था. इमरान ने आरोप लगाया कि इसी तरह उनकी सरकार को 'आज के मीर जाफर और मीर सादिक' ने गिरा दिया है. हालांकि, इमरान ने मीर सादिक की भूमिका के बारे में बात नहीं की, बता दें कि मीर सादिक टीपू सुल्तान के सेनापति थे, जिन्होंने मैसूर के साहसी शासक टीपू को हराने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ मिलीभगत की थी.
ये पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी साजिश: शहबाज
शहबाज ने कहा कि इमरान खान की टिप्पणी 'बहुत खतरनाक और भयानक' थी, क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान के संस्थानों (सेना और सुप्रीम कोर्ट) की तुलना मीर जाफर और मीर सादिक से की है. शहबाज ने कहा कि 'कल उन्होंने संस्था के बारे में जो जहर उगल दिया, वह पाकिस्तान के खिलाफ एक साजिश है. अगर इसे कानून और संविधान के जरिए नहीं रोका गया तो अल्लाह ना करे- यह देश सीरिया और लीबिया का एक भयानक परछाई बन जाएगी, जहां शहर आज कब्रिस्तान के तौर पर देखे जा सकते हैं.
शहबाज ने कहा कि इमरान खान देश को उस दिशा में ले जा रहे हैं जहां लोकतंत्र को खत्म किया जा सकता है. उन्होंने खान की सरकार को हटाने के लिए 'षड्यंत्र सिद्धांत' को भी खारिज कर दिया. प्रधानमंत्री शहबाज ने आगे कहा कि राष्ट्रीय संस्थानों के खिलाफ एक कहानी गढ़ने वाले असली 'मीर जाफर और मीर सादिक' दो व्यक्ति थे, जिन्हें 18 वीं शताब्दी में ईस्ट इंडिया कंपनी के सहयोगी के रूप में जाना जाता है.
इमरान पर कानूनी कार्रवाई करेंगे
शहबाज ने कहा कि रविवार को एबटाबाद में इमरान खान ने पाकिस्तान राज्य, पाकिस्तान के संविधान और पाकिस्तान के सम्मानित संस्थानों को चुनौती दी है. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस संबंध में कानूनी कार्रवाई की जाएगी. शहबाज ने कहा कि खान जो कर रहे हैं, उसे केवल साजिश के रूप में समझा जा सकता है. ये कोई राजनीति नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह साजिश किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ नहीं, बल्कि देश के खिलाफ है. पाकिस्तान को एक व्यक्ति के अहंकार और खुले झूठ की वजह से समझौता नहीं किया जा सकता है. इमरान ने पहले देश की अर्थव्यवस्था को खत्म करने की साजिश रची और अब पाकिस्तान में गृह युद्ध शुरू करने की योजना बना रहे हैं.
पाकिस्तान की संस्थाएं इमरान की गुलाम नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि इमरान खान के नापाक मंसूबों को हर कीमत पर कुचला जाएगा. उन्होंने कहा- इमरान इस युग के मीर जाफर और मीर सादिक थे, जो चाहते थे कि पाकिस्तान को लीबिया और इराक जैसी स्थिति का सामना करना पड़े. उन्होंने आगे कहा कि खान जिस नाव पर सवार हैं, उसमें छेद हैं और उस हाथ को काट रहा है, जो उसे खिलाता है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग, संविधान और पाकिस्तान की संस्थाएं इमरान नियाजी के गुलाम नहीं थे और ना ही वह उन्हें बंधक बना सकते थे. उन्होंने कहा कि उन्हें (इमरान) पाकिस्तान का हिटलर नहीं बनने दिया जाएगा. उन्होंने कहा- इमरान ने उस समय देश से झूठ बोला था, अब समय आ गया है कि वह सच्चाई का सामना करें.
इमरान ने 20 मई को इस्लामाबाद में बुलाया मार्च
गौरतलब है कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद से न्यायपालिका और सेना जैसे संस्थानों की आलोचना की जा रही है. तब से खान ने विभिन्न शहरों में कई सार्वजनिक रैलियां कीं, जिसमें नई सरकार को 'देशद्रोही और भ्रष्ट शासकों' के रूप में बताया और कथित तौर पर अमेरिका के इशारे पर घटनाक्रम होना कहा है. एबटाबाद रैली में इमरान ने दावा किया कि जब वह 20 मई के बाद राष्ट्र को विरोध के लिए आह्वान करेंगे तो 30 लाख से ज्यादा लोग इस्लामाबाद में मार्च करेंगे.
वहीं, सेना के एक प्रवक्ता ने पिछले महीने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि सेना ने राजनीति से दूर रहने का फैसला किया है. उसका राजनीतिक घटनाक्रम से किसी तरह का संबंध नहीं है. खान ने इस्लामाबाद में पार्टी नेताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए इस बात को खारिज कर दिया कि वह पाकिस्तानी सेना को बदनाम कर रहे हैं.
शहबाज एक झूठे इंसान: इमरान
इमरान ने कहा कि वह (शहबाज) एक झूठे इंसान हैं. वह सच बोलने में असमर्थ हैं. वह कहते हैं कि इमरान खान ने सेना को बदनाम किया. कल मेरी झेलम में एक रैली है जहां मैं आपको (शहबाज को) जवाब दूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि शहबाज और उनके भाई नवाज शरीफ पाकिस्तान के 'असली मीर सादिक और मीर जाफर' थे और उन पर भ्रष्टाचार के जरिए इकत्रित संपत्ति को विदेशों में ठिकाने लगाने का आरोप लगाया.
इमरान ने कहा कि ये देश की वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार लोग हैं. उन्होंने कहा, 'अपराधी' सत्ता के प्रमुख पदों पर थे. उन्होंने आरोप लगाया कि नवाज शरीफ जब विदेश भागते थे तो सेना को बदनाम करते थे. मरियम भी ऐसा ही कर रही थीं.
उन्होंने कहा- 'देखो उनके सत्ता में आने के बाद कौन खुश था. भारत ने सबसे ज्यादा जश्न मनाया. जब वे आ रहे थे और मैं जा रहा था. उन्होंने कहा- मेरी जिंदगी और मौत इस देश के लिए है. मेरी विदेश में कोई संपत्ति नहीं है. मेरे पास कोई बैंक खाता नहीं है और मैं लंदन नहीं भागूंगा. खान ने जल्द चुनाव कराने की मांग की और अपने समर्थकों से 20 मई के बाद इस्लामाबाद मार्च करने के आह्वान के लिए तैयार रहने को कहा.
इमरान पर हाल ही में एक केस दर्ज हुआ
हाल ही में इमरान खान पर पाकिस्तान में एक केस दर्ज किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने सऊदी अरब में मस्जिद में गए पाक पीएम शहबाज शरीफ और उनके प्रतिनिधिमंडल के खिलाफ चोर-चोर की नारेबाजी करवाई. पाकिस्तान सरकार की तरफ से कहा गया था कि इस मामले में इमरान को गिरफ्तारी किया जाएगा.